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भुगतान प्रणाली टच पॉइंट्स की जियो-टैगिंग

चर्चा में क्यों

भारतीय रिजर्व बैंक ने भुगतान प्रणाली टच पॉइंट्स की जियो-टैगिंग के लिये एक रूपरेखा जारी की है।

प्रमुख बिंदु

  • जियो-टैगिंग से आशय व्यापारियों द्वारा अपने ग्राहकों से भुगतान प्राप्त करने के लिये तैनात पेमेंट टच पॉइंट्स के भौगोलिक निर्देशांक (अक्षांश और देशांतर) को एकत्रित करना है। 
  • इसके तहत बैंक और गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को नियमित आधार पर अपने टच पॉइंट्स की भौगोलिक उपस्थिति को बनाए रखने और उन्हें केंद्रीय बैंक के साथ साझा करने के निर्देश दिये गए हैं।
  • इससे पॉइंट ऑफ़ सेल टर्मिनल, क्यू.आर. कोड जैसे भुगतान स्वीकृति के बुनियादी ढाँचे की उपलब्धता की उचित निगरानी हो सकेगी। जियो-टैगिंग की निगरानी भुगतान बुनियादी ढाँचे के वितरण को अनुकूलित करने के लिये नीतिगत हस्तक्षेप का समर्थन करेगी।
  • विगत कुछ वर्षों में भारत में भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत उपभोक्ताओं के लिये उपलब्ध भुगतान प्रणालियों, प्लेटफार्मों, उत्पादों और सेवाओं का त्वरित विकास हुआ है।
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