महिलाओं के लिये जर्मनी का नया बोर्डरूम कोटा (GERMANY’S NEW BOARDROOM QUOTA FOR WOMEN)
जर्मनी, देश की सूचीबद्ध फर्मों में वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर काम करने वाली महिलाओं की न्यूनतम संख्या निश्चित करने के लिये एक अनिवार्य कोटा लागू करने की योजना बना रहा है। विदित है कि जर्मनी में इसके पूर्व स्वैच्छिक प्रणाली थी जिसकी वजह से कार्यस्थल पर लैंगिक असमानता के मामलों में वृद्धि देखी जा रही थी। इस ऐतिहासिक कदम को देश में लैंगिक असमानता की खाई को कम करने के लिये एक सशक्त कदम के रूप में देखा जा रहा है।
इसे दूसरा प्रबंधन पद अधिनियम (Second Management Positions Act) के नाम से जाना जाता है। कैबिनेट द्वारा इस विधेयक के प्रमुख बिंदुओं पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, देश की सूचीबद्ध कम्पनियों में तीन से अधिक सदस्य वाले कार्यकारी बोर्ड में एक सदस्य का अनिवार्य रूप से महिला होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जिन कम्पनियों में सरकार की हिस्सेदारी है, उन्हें पर्यवेक्षी बोर्ड में महिलाओं का न्यूनतम 30% कोटा तथा कार्यकारी बोर्डों में महिलाओं की न्यूनतम भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
गौरतलब है कि जर्मनी में वर्ष 2015 के बाद से पर्यवेक्षी बोर्डों में महिलाओं के लिये स्वैच्छिक कोटा 30% का था, जो पदों के अनुपात में महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिये बहुत कम था। विदित है कि जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
बोर्डरूम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में जर्मनी की स्थिति अच्छी नहीं थी। इसके बाद प्रबंधन से जुड़े वरिष्ठ पदों पर महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ प्रमुख देशों की सूची में जर्मनी की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। वर्तमान में उच्च प्रबंधन के स्तर पर 28.6% महिलाओं की भागीदारी के साथ अमेरिका शीर्ष स्थान पर है।