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घर तक फाइबर योजना (Ghar Tak Fibre Scheme)

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में, जारी सरकारी आँकड़ों के अनुसार, ‘घर तक फाइबर’ योजना (Ghar Tak Fibre Scheme) की बिहार में शुरुआत बहुत धीमी पाई गई है। ध्यातव्य है कि बिहार ऐसा पहला राज्य है, जिसने अपने सभी 45,945 गाँवों को 31 मार्च, 2021 तक इंटरनेट से जोड़ने का एक वृहत लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • विदित है कि 31 मार्च तक सभी गाँवों को इंटरनेट से जोड़ने के लिये, राज्य को केबल बिछाने के लिये खुदाई करने और प्रतिदिन औसतन 257 गाँवों या मासिक रूप से औसतन 7,500 से अधिक गाँवों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की ज़रुरत होगी।
  • हालाँकि, बिहार सरकार, इस योजना के उद्घाटन के लगभग एक माह बाद, 14 अक्तूबर तक, प्रति दिन 181 गाँवों की दर से मात्र 4,347 गाँवों में ही ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछा पाई है।

मुख्य बिंदु

  • ‘घर तक फाइबर’ योजना को इसी वर्ष 2020 में सितम्बर माह में आरम्भ किया गया था।
  • इसका उद्देश्य देश के सभी गाँवों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ना है।
  • इस योजना के तहत, बिहार के प्रत्येक गाँव में कम से कम पाँच ‘फाइबर-टू-होम’ (Fibre-to-the-Home– FTTH) कनेक्शन प्रदान किये जाने की योजना है तथा प्रत्येक गाँव में कम से कम एक वाई-फाई हॉटस्पॉट भी लगाने का प्रावधान है।
  • दूरसंचार विभाग (DoT), इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) द्वारा संयुक्त रूप से इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
  • भारतनेट परियोजना के अंतर्गत इस योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।
  • ध्यातव्य है कि भारत सरकार ने वर्ष 2021 के अंत तक देश के हर गाँव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
  • एक गाँव या ग्राम पंचायत (GP) को भारतनेट (BharatNet) के तहत 'लिट अप' (Lit Up) माना जाता है, जब उसको लगातार इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा प्राप्त होती है।
  • भारतनेट परियोजना, जो कि अक्तूबर 2011 में ‘राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क’ (National Optical Fibre Network) के रूप में शुरू हुई थी, अब 92 महीनों से अधिक समय की देरी से क्रियान्वित हो रही है। अब इस परियोजना के लिये नई समय-सीमा अगस्त 2021 निर्धारित की गई है।
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