प्रारम्भिक परीक्षा – भौगोलिक संकेत (GI Tag) मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
संदर्भ
- बसोहली पश्मीना और उधमपुर की दूध की खासियत वाली कलारी (Kalari) को प्रतिष्ठित भौगोलिक संकेत (GI Tag) प्रदान किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- बसोहली पश्मीना : 2 अक्टूबर को, जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक सप्ताह तक 'जीआई महोत्सव' का आयोजन किया गया था। जिसमें कठुआ जिले का एक सदियों पुराना पारंपरिक शिल्प, बसोहली पश्मीना को अपनी असाधारण कोमलता, सुंदरता और सबसे कम वजन अर्थात पंख जैसे वजन के लिए GI टैग प्रदान किया गया ।
- कलारी :
- इसी महोत्सव में, कलारी जो कि एक लोकप्रिय डोगरा व्यंजन है, जिसकी उत्पत्ति उधमपुर जिले के रामनगर में हुई है को भी GI टैग प्रदान किया गया ।
- यह दूध से बना बहुत गाढ़ा पनीर होता है जिसे डोगरा जातियों के बीच सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला स्ट्रीट फूड स्नैक के रूप में भी जाना जाता है।
जम्मू-कश्मीर के स्थानीय अन्य उत्पादों को GI टैग प्रदान करने पर विचार :
- 'जीआई महोत्सव' में जम्मू-कश्मीर के स्थानीय उत्पादों को जैसे- भद्रवाह राजमाश, रामबन सुलाई हनी, राजौरी चिकरी वुड क्राफ्ट, मुशकबुदजी चावल तथा बसोहली पेंटिंग को जीआई टैग दिये जाएंगें।
GI टैग
- GI टैग का तात्पर्य भौगोलिक संकेत अर्थात Geographical Indication होता है।
- GI टैग एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में उत्पादित, उत्पाद की गुण या प्रतिष्ठा/विशेषता के लिए प्रदान किया जाता है।
- GI टैग सिर्फ 10 साल के लिए प्रदान किया जाता है। इसके बाद इसे रिन्यू कराना पड़ता है।
- GI टैग मिलने से प्रोडक्ट का मूल्य और उससे जुड़े लोगों का महत्त्व बढ़ जाती है।
-
दार्जिलिंग चाय GI टैग पाने वाला पहला भारतीय उत्पाद था।
GI टैग के लाभ
- बसोहली पश्मीना और उधमपुर कलारी को भौगोलिक संकेत (GI Tag) दिये जाने से बुनकरों और उत्पादकों, कलारी डेयरी उत्पादों से जुड़े परिवारों का मनोबल बढ़ेगा।
- जीआई टैग न केवल कारीगरों की असाधारण शिल्प कौशल की रक्षा करेगा बल्कि इसकी विशिष्टता की भी रक्षा करेगा।
-
जम्मू-कश्मीर के स्थानीय उत्पादों को GI टैग प्रदान करने का लाभ यह होगा कि केसर को जालसाज़ों और अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाएगा और इन उत्पादों के बिक्री मूल्य में वृद्धि करेगा।
भौगोलिक संकेत (GI Tag)का महत्व:
- यह अर्थव्यवस्था में निर्यात को बढ़ावा देता है जिससे व्यापार और पर्यटन बढ़ता है।
- भौगोलिक संकेत टैग वस्तुओं के उत्पादकों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग को बढ़ाकर उनकी आर्थिक समृद्धि अर्थात धन की वृद्धि को बढ़ावा देता है।
- यह उपभोक्ताओं को वांछित गुणों के गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त करने में मदद करता है और प्रामाणिकता का आश्वासन देता है।
- यह भौगोलिक संकेत टैग उत्पादों के अनधिकृत उपयोग को रोकता है।
- यह कदाचार पर रोक लगाता है और बाजार में कम गुणवत्ता वाले उत्पादों की बिक्री से बचाता है।
किस प्रकार के उत्पादों को भौगोलिक संकेत दिया जाता है ?
- भौगोलिक संकेत आमतौर पर कृषि वस्तुओं, खाद्य पदार्थों, शराब और स्प्रिट पेय, हस्तशिल्प और औद्योगिक उत्पादों आदि को दिया जाता है।
भारत में भौगोलिक संकेत टैग को नियंत्रित करने वाला कानून
- भौगोलिक संकेत टैग को नियंत्रित करने वाला कानून 15 सितंबर 2003 को लागू हुआ।
दुनिया भर में भौगोलिक संकेत टैग की सुरक्षा के लिए तीन दृष्टिकोण अपनाए गए हैं जो निम्न हैं -
- प्रशासनिक उत्पाद अनुमोदन योजनाओं सहित व्यावसायिक प्रथाओं पर ध्यान दें।
- प्रमाणीकरण चिह्नों का उपयोग।
- सुरक्षा की विशेष व्यवस्थाएँ (सुई जेनरिस सिस्टम) ।
- भौगोलिक संकेत सामान पंजीकरण और संरक्षण नियम, 2002 द्वारा अनिवार्य संरचना।
- सामान के भौगोलिक संकेत पंजीकरण और संरक्षण अधिनियम, 1999 द्वारा संचालित है।
- नियमों की धारा 2 (ई) ' भौगोलिक संकेत' शब्द को परिभाषित करती है।
- वस्तुओं का भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम 1999 भौगोलिक संकेत टैग देने को नियंत्रित करता है।
निष्कर्ष
- एक भौगोलिक संकेत या टैग एक व्यापार नाम या लेबल है जो विशेष उत्पादों पर लागू होता है जो किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र या मूल देश को निर्दिष्ट करता है। जीआई टैग की प्राथमिक विशेषता इसकी विशिष्टता है, जो किसी भी प्रकार के तीसरे पक्ष के दुरुपयोग से बचाती है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न: निम्नलिखित में से जम्मू-कश्मीर के किन उत्पादों को 'भौगोलिक संकेत (GI Tag)' की स्थिति प्रदान की गई है?
1. बसोहली पेंटिंग
2. बसोहली पश्मीना
3. कलारी, डोगरा व्यंजन
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: भौगोलिक संकेत के महत्त्व तथा इसे नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार के द्वारा बनाये गए अधिनियम की विवेचना कीजिए। |