वाराणसी की तिरंगा बर्फी और ढलुआ धातुशिल्प को GI टैग
हाल ही में वाराणसी की तिरंगा बर्फी और ढलुआ मूर्ति धातु शिल्प को GI टैग प्रदान किया गया
इसके साथ ही अब उत्तर प्रदेश में कुल 75 उत्पादों को GI टैग मिल चुका है।
इसमें 58 हस्तशिल्प और 17 कृषि एवं खाद्य उत्पाद हैं।
उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक GI टैग प्राप्त करने वाला राज्य है
भौगोलिक संकेतक (GI टैग)
GI टैग मुख्य रूप से ऐसी कृषि संबंधी, प्राकृतिक या विनिर्मित्त वस्तुओं को दिया जाता है, जिनमें अनूठे गुण, ख्याति या इसके भौगोलिक उद्भव के कारण जुड़ी अन्य लक्षणगत विशेषताएं होती है।
यह एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार होता है
भारत में, GI टैग के पंजीकरण को ‘वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 द्वारा विनियमित किया जाता है।
GI टैग भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री द्वारा दिया जाता है, इसका मुख्यालय चेन्नई में है।
इसका पंजीकरण 10 वर्ष के लिए मान्य होता है तथा 10 वर्ष बाद पंजीकरण का फिर से नवीनीकरण कराया जा सकता है।