प्रारंभिक परीक्षा – गीता मित्तल समिति (Gita Mittal Committee) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
सर्वोच्च न्यायालय ने मणिपुर जातीय हिंसा मामले में याचिकाकर्ताओं को मामलों के समाधान के लिए न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति पर भरोसा करने को कहा।
प्रमुख बिंदु
- सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि उसका मणिपुर प्रशासन चलाने का इरादा नहीं है और वह जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली अदालत द्वारा नियुक्त समिति पर भरोसा करता है।
- शीर्ष अदालत ने आदेश दिया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) और मणिपुर सरकार उचित सत्यापन के बाद जातीय संघर्ष में विस्थापित लोगों को आधार कार्ड की प्रतियां प्रदान करे ।
- मामलों के समाधान में विस्थापित व्यक्तियों को आधार कार्ड और विकलांगता प्रमाण पत्र का वितरण, मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजा, हिंसा के दौरान क्षतिग्रस्त धार्मिक इमारतों, घरों का पुनर्निर्माण, शवों को संभालना और राज्य में अदालतों का कामकाज शामिल है।
- मणिपुर में राहत और पुनर्वास प्रयासों की निगरानी के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति की स्थापना की गई थी।
- समिति का अध्यक्ष जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को बनाया गया। साथ ही, इस कमेटी में जस्टिस (रिटायर्ड) पी जोशी और जस्टिस (रिटायर्ड) आशा मेनन को भी शामिल किया गया था।
प्रश्न: हाल ही में चर्चा में रही न्यायमूर्ति गीता मित्तल समिति का संबंध किस राज्य से है?
(a) तमिलनाडु
(b) गुजरात
(c) मणिपुर
(d) राजस्थान
उत्तर: (c)
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स्रोत: the hindu