रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने सुखोई-30 एम.के.आई. (Sukhoi-30 MKI) युद्धक विमान से लंबी दूरी के ग्लाइड बम (LRGB) ‘गौरव’ का सफल परीक्षण किया।
'गौरव' के बारे में
- परिचय : यह एक सटीक-निर्देशित एवं लंबी दूरी का ग्लाइड बम है जिसे स्टैंड-ऑफ दूरी से (दुश्मन की हवाई रक्षा सीमा से परे) सतह से स्थित लक्ष्यों पर हमला करने के लिए विकसित किया गया है।
- विकास एवं डिजाइन : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की प्रयोगशाला ‘रिसर्च सेंटर इमारत’ (RCI), आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान और एकीकृत परीक्षण रेंज, चाँदीपुर द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन व विकसित
- शामिल भागीदार : विकास-सह-उत्पादन भागीदारों में अदाणी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज, भारत फोर्ज और विभिन्न सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम शामिल
- प्रमुख विशेषताएँ :
- वजन : 1,000 किग्रा.
- मारक क्षमता : 30 किमी. से 150 किमी. (100 किमी. के निकट प्रदर्शित)
- लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म : सुखोई-30 एम.के.आई. (Su-30 MKI)

रणनीतिक महत्व
- सटीकता : ‘गौरव’ बम की उच्च सटीकता बिना अतिरिक्त क्षति के दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने में सक्षम करती है।
- दूरी से हमला : इसकी लंबी मारक क्षमता वायु सेना को दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम की पहुँच से बाहर रहकर हमला करने की सुविधा देती है।
- स्वदेशीकरण : इस बम का स्वदेशी विकास भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है और विदेशी हथियारों पर निर्भरता को कम करता है।