प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन, राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति, 2018, G20 मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2 और पेपर-3 |
संदर्भ-
प्रधानमंत्री ने औपचारिक रूप से वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) का शुभारंभ किया। इसमें शामिल होने के लिए 19 देशों और 12 वैश्विक संगठनों ने सहमति जताई है।
गठबंधन का उद्देश्य-
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुविधाजनक बनाना।
- टिकाऊ जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना।
- वैश्विक जैव ईंधन व्यापार को सुविधाजनक बनाना।
- राष्ट्रीय जैव ईंधन कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
प्रमुख बिंदु-
- जीबीए को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया।
- इसके प्रयास का नेतृत्व भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्राजील ने किया था।
- जुलाई में, गोवा में हुई ऊर्जा मंत्रियों की G20 बैठक के मौके पर जीबीए से संबंधित परामर्श आयोजित किया गया था, जिसमें 19 देशों ने गठबंधन में शामिल होने में अपनी रुचि व्यक्त की थी।
- नौ आरंभिक सदस्यों-भारत, अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, बांग्लादेश, इटली, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका और संयुक्त अरब अमीरात की उपस्थिति में इसे शुरू किया गया है।
- कनाडा और सिंगापुर पर्यवेक्षक देश हैं।
- वे देश और संगठन जो पहले ही जीबीए में शामिल हो चुके हैं-
- 19 देश और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन पहले ही इसमें शामिल होने के लिए सहमत हो चुके हैं।
- जीबीए का समर्थन करने वाले G20 देश (07): 1. अर्जेंटीना, 2. ब्राज़ील, 3. कनाडा, 4. भारत 5. इटली, 6. दक्षिण अफ़्रीका, 7. संयुक्त राज्य अमेरिका
- जीबीए का समर्थन करने वाले G20 में आमंत्रित देश (04): 1. बांग्लादेश, 2. सिंगापुर, 3. मॉरीशस, 4. संयुक्त अरब अमीरात
- जीबीए का समर्थन करने वाले गैर G20 देश (08): 1. आइसलैंड, 2. केन्या, 3. गुयाना, 4. पैराग्वे, 5. सेशेल्स, 6. श्रीलंका, और 7. युगांडा जीबीए के सदस्य बनने के लिए सहमत हो गया है और 8. फिनलैंड
- गठबंधन में शामिल संगठन-
विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, विश्व आर्थिक मंच, विश्व एलपीजी संगठन, यूएन एनर्जी फॉर ऑल, यूनिडो, बायोफ्यूचर्स प्लेटफॉर्म, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच, अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी, विश्व बायोगैस एसोसिएशन।
गठबंधन का लक्ष्य-
- पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20 प्रतिशत तक ले जाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने का है।
- वैश्विक भलाई के लिए अन्य सम्मिश्रण विकसित करने पर काम कर सकते हैं।
- गठबंधन मौजूदा प्रासंगिक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ-साथ जैव-ऊर्जा, जैव-अर्थव्यवस्था और ऊर्जा संक्रमण क्षेत्रों में पहल के साथ मिलकर काम करेगा।
जैव ईंधन-
- जैव ईंधन को बायोमास से प्राप्त किसी भी ईंधन के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसे कार्बनिक पदार्थ के रूप में जाना जाता है।
- इसमें कोई भी पौधा या शैवाल सामग्री (लकड़ी सहित), साथ ही पशु अपशिष्ट भी शामिल है।
- इस प्रकार के ईंधनों की प्राकृतिक रूप से जीवन चक्र द्वारा लगातार पूर्ति होती रहती है। इसलिए इन्हें ऊर्जा का नवीकरणीय स्रोत माना जाता है।
जैव ईंधन का लाभ-
- स्थिर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ-साथ जलवायु सुरक्षा में भी योगदान देता है।
- जैव ईंधन पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की तुलना में काफी स्वच्छ हैं।
- भारतीय परिप्रेक्ष्य में-
- भारत कच्चे तेल का दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
- अपनी 85 प्रतिशत से अधिक जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है।
- जैव ईंधन का उपयोग बढ़ाना दो उद्देश्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपकरण है –
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- ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करना
- देश के तेजी से बढ़ते ऊर्जा उपयोग के कार्बन पदचिह्न को सीमित करना।
जैव ईंधन क्षेत्र में बाधाएं-
फीडस्टॉक आपूर्ति मुद्दे, तकनीकी सीमाएं, नीति ढांचा और वित्तपोषण और निवेश शामिल हैं।
जैव ईंधन में भारत -
- भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने इथेनॉल-पेट्रोल सम्मिश्रण कार्यक्रम में सफलता प्राप्त की है।
- भारत ने नवंबर 2022 की लक्षित समयसीमा से कुछ महीने पहले पिछले साल जून में पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया था।
- भारत डीजल को उपयुक्त जैव ईंधन और प्राकृतिक गैस को बायोगैस के साथ मिश्रित करने पर भी विचार कर रहा है।
भारत की राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति-
- राष्ट्रीय जैव-ईधन नीति, जिसे नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के जरिये 2009 में लागू किया गया था, के स्थान पर ‘राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति-2018’ को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 04 जून, 2018 को अधिसूचित किया था।
- 01 अप्रैल, 2023 से देशभर में 20 प्रतिशत तक की एथेनॉल की मात्रा वाले एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के लिये पहल करने के बारे में स्थायी समिति की सिफारिशों पर भी निर्णय लिया गया, जिसके अलोक में राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति में संशोधन किये जा रहे हैं।
- राष्ट्रीय जैव-ईंधन नीति के लिये स्वीकृत मुख्य संशोधन इस प्रकार हैं:
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- जैव-ईंधन के उत्पादन के लिये अधिक फीडस्टॉक्स को मंजूरी,
- पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को वर्ष 2030 से पहले 2025-26 में ही प्राप्त करने के लिए पहल करना,
- मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विशेष आर्थिक जोन (सेज)/निर्यातोन्मुख इकाईयों (ईओयू) द्वारा देश में जैव-ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहन,
- विशेष मामलों में जैव-ईंधन के निर्यात की अनुमति देना।
महत्वपूर्ण तथ्य-
अमेरिका, ब्राजील और भारत को जैव ईंधन में वैश्विक नेताओं के रूप में देखा जाता है। संयुक्त राज्य अमेरिका (52 प्रतिशत), ब्राज़ील (30 प्रतिशत) और भारत (3 प्रतिशत) इथेनॉल के उत्पादन में लगभग 85 प्रतिशत और खपत में लगभग 81 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
प्रश्न- जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 किस मंत्रालय द्वारा अधिसूचित की गई थी?
(a) पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
(b) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय
(c) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(d) रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
उत्तर- (a)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन से आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन मिलेगा तथा 2047 तक भारत के ‘ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र’ होने की परिकल्पना को गति मिलेगी। मूल्यांकन कीजिए।
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