स्वतंत्र आर्थिक सलाहकार फर्म ‘आक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स’ ने ‘वैश्विक शहर सूचकांक, 2024’ जारी किया।
सूचकांक के प्रमुख निष्कर्ष
- इस सूचकांक में दुनिया के 163 देशों के 1,000 सबसे बड़े शहरों को शामिल किया गया है।
- इन शहरों में से उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप एवं ओशिनिया के शहरों ने प्राय: सभी श्रेणियों में उच्च स्कोर के साथ सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। हालाँकि, प्रदर्शन में क्षेत्रीय भिन्नता है।
- यह सूचकांक 5 श्रेणियों के अधार पर रैंकिंग प्रदान करता है :
- अर्थव्यवस्था
- मानव पूंजी
- जीवन की गुणवत्ता
- पर्यावरण
- शासन
- ये 1,000 सबसे बड़े शहर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 60% और वैश्विक जनसंख्या का 30% हिस्सा हैं।
- वैश्विक शहरों के सूचकांक के अनुसार शीर्ष 10 शहर इस प्रकार हैं : न्यूयॉर्क (अमेरिका), लंदन (यूनाइटेड किंगडम), सैन जोस (अमेरिका), टोक्यो (जापान), पेरिस (फ्रांस), सिएटल (अमेरिका), लॉस एंजिल्स (अमेरिका), सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका), मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया), ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड)।
- इनमें से करीब तीन-चौथाई शहर शीर्ष 22 देशों में शामिल हैं, जिनमें कम-से-कम 10 बड़े शहर हैं। एक-तिहाई शहर शीर्ष तीन देशों से हैं : चीन (159 शहर), संयुक्त राज्य अमेरिका (92 शहर) और भारत (91 शहर)।
सूचकांक में भारतीय शहरों की स्थिति
- वैश्विक शहर सूचकांक के शीर्ष 1000 शहरों में भारत के कुल 91 शहर शामिल हैं। हालाँकि, भारतीय शहरों की औसत रैंकिंग बहुत कम है।
- भारतीय शहरों की कम औसत रैंकिंग मानव पूंजी में अत्यधिक कमी, जीवन की खराब गुणवत्ता एवं पर्यावरण संकेतकों के कारण है।
- भारतीय शहरों में शीर्ष 10 रैंक वाले शहर :
- दिल्ली (350)
- बेंगलुरु (411)
- मुंबई (427)
- चेन्नई (472)
- कोच्चि (521)
- कोलकाता (528)
- पुणे (534)
- त्रिशूर (550)
- हैदराबाद (564)
- कोझीकोड (580)