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वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट 2024

संदर्भ

हाल ही में विश्व बैंक द्वारा जून 2024 के अर्ध-वार्षिक वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.6% की अनुमानित GDP वृद्धि दर के साथ भारत विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में बना रहेगा। 

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

वैश्विक दृष्टिकोण

  • वृद्धि दर में स्थिरता : वर्ष 2024 में वैश्विक वृद्धि 2.6 %पर स्थिर रहने का अनुमान है, जो भू-राजनीतिक तनाव और उच्च ब्याज दरों के बावजूद तीन वर्षों में पहली बार स्थिर है। 
  • निवेश में वृद्धि : व्यापार और निवेश में मामूली वृद्धि के बीच वर्ष 2025-26 में इसके 2.7 % तक बढ़ने की उम्मीद है। 
  • मुद्रास्फीति में नरमी:  वैश्विक मुद्रास्फीति में कमी आने का अनुमान है, जो वर्ष 2024 में औसतन 3.5%  हो सकती है। 
  • वर्ष 2024-25 में, लगभग 60% अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि 2010 के औसत से कम रहने वाली है, जो वैश्विक जनसंख्या और विश्व उत्पादन का 80 % से अधिक का प्रतिनिधित्व करती है।

भारत के प्रति दृष्टिकोण 

  • भारत में, वित्तीय वर्ष 2023/24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में वृद्धि दर बढ़कर 8.2 % होने का अनुमान है।
  • वृद्धि के पीछे के कारक : विनिर्माण और निर्माण सहित औद्योगिक गतिविधि में वृद्धि उम्मीद से अधिक मजबूत रही, साथ ही सेवा क्षेत्र ने कृषि उत्पादन में आई मंदी की भरपाई करने में मदद की। 
    • घरेलू मांग में वृद्धि मजबूत रही जिससे बुनियादी ढांचे सहित निवेश में उछाल आया। 
    • इसने महामारी के बाद उत्पन्न हुई मांग में कमी आने के कारण खपत वृद्धि में आई कमी को पूरा किया।

सुझाव

  • वैश्विक स्तर पर प्राथमिकताओं में व्यापार की सुरक्षा, हरित  व डिजिटल संक्रमण का समर्थन, ऋण राहत प्रदान करना और खाद्य सुरक्षा में सुधार करना शामिल है। 
  • राष्ट्रीय स्तर पर लगातार मुद्रास्फीति के जोखिम, उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की मौद्रिक नीतियों को मूल्य स्थिरता पर केंद्रित रहने की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं। 
  • राजकोषीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए निवेश को स्थायी रूप से बढ़ावा देने के तरीकों पर बल देना आवश्यक है।
  • विकास लक्ष्यों को पूरा करने और दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्पादकता वृद्धि को बढ़ाने, सार्वजनिक निवेश की दक्षता में सुधार करने, मानव पूंजी का निर्माण करने और श्रम बाजार में लिंग अंतराल को कम करने के लिए संरचनात्मक नीतियों की आवश्यकता है।

विश्व बैंक

  • स्थापना: वर्ष 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान। 
    • विश्व बैंक की शुरुआत अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) के रूप में हुई थी।
    • गौरतलब है कि ब्रेटन वुड्स सम्मेलन के दौरान ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की भी स्थापना की गई थी। 
  • मुख्यालय: वाशिंगटन, डी.सी., संयुक्त राज्य अमेरिका। 
  • उद्देश्य: विकासशील देशों में गरीबी को कम करना और साझा समृद्धि को बढ़ावा देना 
  • सदस्य: भारत सहित 189 सदस्य देश। 
  • प्रमुख रिपोर्ट: व्यापार सुगमता सूचकांक, मानव पूंजी सूचकांक, विश्व विकास रिपोर्ट, प्रवासन एवं  विकास और वैश्विक आर्थिक संभावना।
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