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वैश्विक खाद्य संकट

संदर्भ 

हाल ही में जारी वैश्विक खाद्य संकट रिपोर्ट (Global Report on Food Crisis : GRFC) 2024 के अनुसार, वर्ष 2023 में 59 देशों में लगभग 282 मिलियन लोगों को उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा। 

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष 

  • वर्ष 2022 की तुलना में उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना करने वाली आबादी में कुछ कमी आई है लेकिन फिर भी यह कोविड-19 के पूर्व स्थिति से अधिक थी। 
    • वर्ष 2022 के बाद से प्रभावित लोगों की संख्या में 24 मिलियन की वृद्धि हुई है। 
  • निरंतर चार वर्षों से तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना करने वाले लोगों का अनुपात लगभग 22% के उच्च स्तर पर बना हुआ है, जो कि कोविड-19 के पूर्व-स्तरों से काफी अधिक है।
  • कुल मिलाकर मूल्यांकन किए गए 5 में से 1 व्यक्ति को गंभीर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता थी।
  • वर्ष 2022 से 2023 के मध्य 12 देशों में तीव्र खाद्य असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हुई जहाँ 13.5 मिलियन से अधिक लोगों को तत्काल सहायता की आवश्यकता थी।
  • रिपोर्ट के अनुसार खाद्य संकट से प्रभावित समूहों में सर्वाधिक बच्चे और महिलाएँ शामिल हैं। 
    • 32 देशों में 5 वर्ष  से कम आयु के 36 मिलियन से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। 
    • वर्ष 2023 में संघर्ष और आपदाओं के कारण विस्थापित लोगों में तीव्र कुपोषण और भी बदतर हो गया।

वैश्विक खाद्य संकट रिपोर्ट

  • इस रिपोर्ट का संकलन प्रतिवर्ष खाद्य सुरक्षा सूचना नेटवर्क द्वारा किया जाता है जबकि ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूड क्राइसिस द्वारा इसे लॉन्च किया जाता है। 
  • यह एक बहुहितधारक पहल जिसमें संयुक्त राष्ट्र एजेंसियाँ, यूरोपीय संघ, अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए संयुक्त राज्य एजेंसी और खाद्य संकट से निपटने के लिए काम करने वाली गैर-सरकारी एजेंसियाँ शामिल हैं। 

खाद्य संकट के लिए उत्तरदायी कारक

बाह्य एवं आंतरिक संघर्ष 

  • वर्ष 2023 में संघर्ष वाले हॉटस्पॉट विशेष रूप से फिलिस्तीन (गाजा पट्टी) और सूडान में खाद्य संकट चिंताजनक रूप से बढ़ने के साथ 20 देशों में संघर्ष खाद्य संकट का प्राथमिक कारण था जिससे 135 मिलियन लोग सीधे प्रभावित हुए। 
    • जी.आर.एफ.सी. रिपोर्टिंग के अनुसार विगत आठ वर्षों में गाजा पट्टी सबसे गंभीर खाद्य संकट वाला क्षेत्र बन गया है।
  • सूडान और गाजा दोनों में संघर्ष की स्थिति के कारण 59 देशों में जबरन विस्थापित लोगों की संख्या 90 मिलियन तक पहुँच गई जो विस्थापन और तीव्र खाद्य असुरक्षा के बीच उच्च सहसंबंध को उजागर करता है। 
  • सूडान में संघर्ष के कारण वर्ष 2022 की तुलना में 8.6 मिलियन अधिक लोगों को उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।

चरम मौसमी घटनाएँ

  • जलवायु संकट वैश्विक भूख में भारी वृद्धि के प्रमुख कारणों में से एक है। जलवायु के झटके जीवन, फसलों और आजीविका को नष्ट कर देते हैं। 
  • 18 देशों के लिए खाद्य संकट का मुख्य कारण चरम मौसमी घटनाएँ रहीं जिसके कारण 72 मिलियन से अधिक लोगों को उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा। 
    • अल नीनो घटना और जलवायु परिवर्तन से संबंधित मौसम की घटनाओं ने वर्ष 2023 को रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वर्ष बना दिया और कई देश सूखे या बाढ़ से लंबे समय तक उबरने से जूझ रहे थे।
    • वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में प्रचलित अल नीनो स्थितियाँ  भारत सहित दुनिया भर के कई स्थानों में अत्यधिक तापमान के लिए जिम्मेदार हैं।

आर्थिक झटके 

  • 21 देशों में आर्थिक झटके खाद्य संकट के मुख्य कारक थे जिनमें से अधिकांश कम आय वाले और आयात पर निर्भर थे। 
  • आर्थिक झटकों के कारण 75 मिलियन से अधिक लोगों को उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।
  • ये आबादी आयातित खाद्य एवं कृषि इनपुट पर उनकी उच्च निर्भरता, मुद्रा मूल्यह्रास, उच्च कीमतों तथा उच्च ऋण स्तर सहित व्यापक आर्थिक चुनौतियों के कारण उच्च स्तर की तीव्र खाद्य असुरक्षा का सामना कर रही थी।

अल्प निवेश एवं उच्च लागत 

गंभीर रूप से खाद्य संकट का सामना कर रहे लोगों की संख्या की तुलना में वित्तपोषण का अभाव है जबकि खाद्य पदार्थों  एवं ईंधन की उच्च कीमतों के कारण खाद्य सहायता की लागत अब तक के उच्चतम स्तर पर है।

उर्वरकों की उच्च कीमतें

  • वैश्विक उर्वरक की कीमतें खाद्य पदार्थों की कीमतों से भी अधिक तेजी से बढ़ी हैं, जो कि दस साल के उच्चतम स्तर पर बनी हुई हैं। 
  • उर्वरक की उच्च कीमतों से फसल उत्पादन प्रभावित होता है जो खाद्य संकट में और वृद्धि करता है। 

समाधान  

  • व्यापक निवेश की आवश्यकता 
    • खाद्य संकट से निपटने के लिए खाद्य प्रणालियों को बदलने और बड़े पैमाने पर महत्वपूर्ण जीवनरक्षक सहायता के साथ-साथ कृषि एवं ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए तत्काल दीर्घकालिक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय निवेश की आवश्यकता है।
  • शांति एवं निवारण 
    • शांति एवं रोकथाम भी दीर्घकालिक खाद्य प्रणाली परिवर्तन का एक अभिन्न अंग बनना चाहिए। इसके अभाव में निरंतर खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा जिससे कमज़ोर एवं वंचित वर्ग सर्वाधिक प्रभावित होगा।
  • न्यायसंगत एवं प्रभावी वैश्विक आर्थिक शासन 
    • अधिक न्यायसंगत और प्रभावी वैश्विक आर्थिक शासन अनिवार्य है। इसे सरकार के नेतृत्व वाली उन योजनाओं के साथ मेल खाना चाहिए जो खाद्य संकट को समाप्त करने का प्रयास करती हैं।

आगे की राह 

  • खाद्य प्रणालियों को बदलने और खाद्य असुरक्षा एवं कुपोषण के अंतर्निहित कारणों को संबोधित करने के लिए इस रिपोर्ट में डाटा का उपयोग करना महत्वपूर्ण होगा।
  • खाद्य संकट के खिलाफ वैश्विक नेटवर्क तत्काल एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की मांग करता है जो तीव्र खाद्य संकट के चक्र को तोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर आपातकालीन प्रयासों के साथ-साथ शांति, रोकथाम और विकास कार्रवाई को एकीकृत करता है।
  • बढ़ती गंभीर खाद्य असुरक्षा पर काबू पाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जी-7 और जी-20 समूहों ने कई साहसिक प्रतिबद्धताएँ की हैं। 
  • ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूड क्राइसिस खाद्य संकट से प्रभावित लोगों के लिए अभिनव और ठोस प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए इन विभिन्न वैश्विक पहलों के बीच संबंधों को मजबूत करने की पेशकश करता है।
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