चर्चा में क्यों
हाल ही में, वेल्थ हंगर हिल्फे और कंसर्न वर्ल्डवाइड ने संयुक्त रूप से ‘वैश्विक भुखमरी सूचकांक (GHI)-2022’ जारी किया। उल्लेखनीय है कि कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फे क्रमशः आयरलैंड एवं जर्मनी के गैर-सरकारी संगठन हैं।
भारत की स्थिति
- वैश्विक भुखमरी सूचकांक-2022 में शामिल 121 देशों में भारत को 107वीं रैंकिंग प्रदान की गई है तथा भारत का स्कोर 29.1 है जो ‘गंभीर’ श्रेणी के अंतर्गत आता है।
- उल्लेखनीय है वर्ष 2021 में 116 देशों में भारत की रैंकिंग 101वीं थी जबकि वर्ष 2020 में वह 94वें स्थान पर था।
- दक्षिण एशियाई देशों में भारत की रैंकिंग केवल अफगानिस्तान (109) से बेहतर है। अन्य पड़ोसी देशों- श्रीलंका (64), नेपाल (81), बांग्लादेश (84) और पाकिस्तान (99) की रैंकिंग भारत से बेहतर है।
वर्गीकरण
- देशों को उनके स्कोर के आधार पर पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें ‘निम्न’, ‘मध्यम’, ‘गंभीर’, ‘खतरनाक’ और ‘बेहद खतरनाक’ शामिल हैं।
- जी.एच.आई. स्कोर की गणना चार संकेतकों के आधार पर 100 अंकीय पैमाने पर की जाती है, जहाँ शून्य सबसे अच्छा स्कोर/रैंक (कोई भूखा नहीं) और 100 सबसे खराब स्कोर/रैंक को प्रदर्शित करता है।
वैश्विक स्थिति
- 5 से कम अंकीय पैमाने वाले समूह में संयुक्त रूप से 17 देश शामिल हैं। इनको अलग-अलग रैंक नही बल्कि 1 से 17 के बीच स्थान प्रदान किया गया है। इनमें मुख्यत: बेलारूस, बोस्निया हर्ज़ेगोविना, चिली, चीन, कुवैत, तुर्की और उरुग्वे शामिल हैं।
- कोस्टारिका व संयुक्त अरब अमीरात को संयुक्त रूप से 18वीं रैंक प्रदान की गई है और ब्राज़ील को 20वीं रैंक प्रदान की गई है।
- यमन इस सूचकांक में अंतिम स्थान पर है।
- वर्ष 2022 में विश्व का संयुक्त स्कोर 18.2 है, जो ‘मध्यम’ श्रेणी के अंतर्गत आता है तथा यह वर्ष 2014 (19.1) की तुलना में सुधार को दर्शाता है।
शामिल संकेतक
- जी.एच.आई. स्कोर चार घटक संकेतकों पर आधारित होता हैं-
- अल्प पोषाहार (Undernourishment)- जनसंख्या के अनुपात में भोजन की अपर्याप्त उपलब्धता।
- चाइल्ड स्टंटिंग (Child Stunting)- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में आयु के अनुपात में लंबाई में कमी।
- चाइल्ड वेस्टिंग (Child Wasting)- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में लंबाई के अनुपात में कम वजन।
- बाल मृत्यु दर (Child mortality)- 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर।
संकेतकों में भारत की स्थिति
- देश में अल्पपोषाहार की दर वर्ष 2018-2020 में 14.6% से बढ़कर वर्ष 2019-2021 में 16.3% हो गई।
- भारत में चाइल्ड वेस्टिंग की दर 19.3% है जो वर्ष 2014 (15.1%) और वर्ष 2000 (17.15) के स्तरों से भी बदतर है और दुनिया में सबसे ख़राब है।
- भारत में चाइल्ड स्टंटिंग में सुधार देखा गया है। यह वर्ष 2014 में 38.7% थी, जो घटकर वर्ष 2022 में 35.5% हो गई। साथ ही, बाल मृत्यु दर इस अवधि में 4.6% से गिरकर 3.3% हो गई है।