प्रारंभिक परीक्षा – ग्लोबल हंगर इंडेक्स,2023 मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-3 |
संदर्भ
- आयरिश प्लांट कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन वेल्ट हंगर हिल्फे (Welt Hunger Hilfe) द्वारा प्रकाशित वैश्विक भूख सूचकांक 2023 (Global Hunger Index) में भारत 125 देशों में 111वें स्थान पर है। जबकि यह वर्ष 2022 में 121 देशों में से 107वें स्थान पर था। इस वर्ष2023 में 4 अंको की गिरावट देखी गई है।
प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के बच्चों में कुपोषण की दर सबसे अधिक 18.7 प्रतिशत है। वैश्विक भूख सूचकांक 2023 (Global Hunger Index) में भारत का 28.7 स्कोर है। इस रिपोर्ट के अनुसार,भारत में 'भूख' की स्थिति गंभीर है।
वैश्विक भूख सूचकांक 2023 में भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति
- इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान 102वां स्थान पर , बांग्लादेश 81वां, नेपाल 69वां और श्रीलंका 60वें स्थान पर है।
वैश्विक भूख सूचकांक 2023 के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य :
- चाड, नाज़िर, लेसोथो, कांगो, यमन, मेडागास्कर और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य सबसे नीचे स्थान पर रहने वाले देश हैं।
- इस रिपोर्ट के अनुसार,भारत के पड़ोसी देशों की स्थिति भारत से अच्छी बताई गई है।
- इस रिपोर्ट अनुसार, भारत में बच्चों की कमजोरी या कुपोषण की दर 18.7 प्रतिशत है जो विश्व में सबसे ज्यादा है। यह दर भारत में तीव्र कुपोषण को दर्शाता है।
- भारत में अल्पपोषण की दर 16.6 प्रतिशत और पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 3.1 प्रतिशत तथा 15 से 24 वर्ष की आयु की महिलाओं में एनीमिया 58.1 प्रतिशत है।
भारत की प्रतिक्रिया :
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने इस सूचकांक को गंभीर चिंता जनक बताया है।
- सरकार के अनुसार, इसमें बहुत सारी कमियां हैं।
- इस सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन संकेत बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं, जिस कारण से ये निश्चित रूप से पूरी जनसंख्या के स्वास्थ्य को बता पाने में असमर्थ हैं।
- इस रिपोर्ट में बच्चों की गरीबी और बाल मृत्यु दर पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- यह रिपोर्ट भारत में विद्यमान भूख की व्यापक जटिलता को स्पष्ट करने में असमर्थ है।
- यह रिपोर्ट कुपोषित आबादी के लगभग 3,000 के बहुत छोटे अनुमान पर आधारित है।
भारत में भुखमरी के लिए उत्तरदायी कारण :
- भूख से तात्पर्य भोजन की कमी होना है। वस्तुतः भुखमरी का संबंध निर्धनता से होता है।
- अत्यधिक जनसंख्या वृद्धिदर का होना, भूमिहीन होना, कृषि की उत्पादकता कम होना।
- अत्यधिक बेरोजगारी, परिवार का आकार बड़ा होना, निरक्षरता अर्थात शिक्षा का अभाव होना, खराब स्वास्थ्य या कुपोषण होना, बालश्रम की समस्या इत्यादि सामाजिक, आर्थिक ,राजनैतिक एवं भौगोलिक कारण (जैसे –मानसून आदि) जिम्मेदार हैं।
भूखमरी उन्मूलन के लिए भारत सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास:
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013: इस अधिनियम के तहत लोगो की भूख एवं अल्पपोषण से संबंधित समस्या का निराकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा बुनियादी सुविधाएँ जैसे- अनाज उपलब्ध कराना अनिवार्य है।
- पोषण 2.0 योजना –इस योजना का लक्ष्य बच्चों, किशोर लड़कियों और गर्भवती महिलाओं में कुपोषण की चुनौतियों का समाधान करना है।
- महिला और बाल विकास मंत्रालय ने 01 मार्च, 2021 को ई-शासन प्रखंड में पारदर्शिता लाने के लिए “पोषण ट्रैकर” की शुरूआत की थी।
- पोषण ट्रैकर प्रौद्योगिकी का उपयोग बच्चों में कम वजन होने, उनके अंग-प्रत्यंग के विकारों की पहचान करने तथा पोषण सेवा आपूर्ति की निगरानी करने में किया जाता है।
पोषण 2.0 योजना से संबंधित चुनौतियाँ
- इस योजना से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ जैसे -सामाजिक एवं आर्थिक असमानताएँ, लैंगिक भेदभाव, तकनीकी गड़बड़ियाँ, नौकरशाही बाधाएँ आदि हैं जो सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को लोगों तक पहुँचने से रोकती हैं।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक के बारे में :
- यह एक सहकर्मी-समीक्षा रिपोर्ट है, जिसे कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फे(Welt Hunger Hilfe) द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाता है।
- कंसर्न वर्ल्डवाइड –यह एक अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी संगठन है, जो विश्व के सबसे गरीब देशों में गरीबी और भूख की समस्या से निपटने के लिये रिपोर्ट तैयार करता है।
- वेल्ट हंगर हिल्फे(Welt Hunger Hilfe) – यह जर्मनी में एक निजी सहायता संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1962 में "फ्रीडम फ्रॉम हंगर कैंपेन " के जर्मन खंड के रूप में की गई थी।
- वैश्विक भुखमरी सूचकांक 100-0 के मध्य स्कोर के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस पैमाने में 0 सबसे अच्छा स्कोर होता है एवं 100 सबसे खराब स्कोर होता है।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक का आधार :
- वैश्विक भुखमरी सूचकांक भूख की बहुआयामी प्रकृति के चार संकेतकों/ पैमानों के आधार पर प्रस्तुत किया जाता है।
- यह चार पैमानें निम्नलिखित हैं- कुपोषण, बच्चों में ठिगनापन (उम्र के हिसाब से कम ऊंचाई), बच्चों का वजन कम होना (उम्र के हिसाब से कम वजन) और बाल मृत्यु दर (5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु) आदि ।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : वैश्विक भूख सूचकांक के संदर्भ में,निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- यह सूचकांक आयरिश प्लांट कंसर्न वर्ल्डवाइड और जर्मन वेल्ट हंगर हिल्फे (Welt Hunger Hilfe) द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- वैश्विक भूख सूचकांक 2023 (G.H.I) में भारत 125 देशों में 111वें स्थान पर स्थित है।
- यह सूचकांक चार पैमानें कुपोषण, बच्चों में ठिगनापन, बच्चों का वजन कम होना और बाल मृत्यु दर पर आधारित है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : विश्व में बढ़ते कुपोषण के प्रमुख कारण क्या है ? इसके समाधान के उपाय सुझाएँ?
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