वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2025 की वार्षिक बैठक में सात और देश ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP) से जुड़ गए हैं।
अब इस पहल में शामिल देशों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है।
प्रमुख बिंदु:
नए सदस्य देशों में अंगोला, बांग्लादेश, गैबोन, ग्वाटेमाला, केन्या, सेनेगल और तंजानिया शामिल हैं।
ये देश वैश्विक प्लास्टिक कचरे को कम करने, टिकाऊ सामग्रियों को बढ़ावा देने और रीसाइक्लिंग सिस्टम को मजबूत करने पर काम करेंगे।
इनका उद्देश्य पृथ्वी को स्वच्छ और हरित बनाना है।
GPAP अब तक 3.1 बिलियन डॉलर का निवेश जुटा चुका है।
यह पहल प्लास्टिक कचरे को कम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (जो हर साल 1.8 बिलियन टन होता है) को घटाने में भी देशों की मदद कर रही है।
ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP)
इसे आधिकारिक तौर पर सितंबर 2018 में WEF द्वारा सतत विकास प्रभाव शिखर सम्मेलन में शुरू किया गया था।
यह प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध वैश्विक और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर प्रतिबद्धताओं को कार्रवाई में बदलने के लिए सरकारों, व्यवसायों और नागरिक समाज को एक साथ लाता है।
ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP) की आवश्यकता:
हर साल 6 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा महासागरों में पहुंचता है।
उससे दोगुना जमीन को प्रदूषित करता है।
यह प्लास्टिक कचरा पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता और मानव जीवन पर गंभीर प्रभाव डालता है।
GPAP का लक्ष्य प्लास्टिक प्रबंधन के लिए सर्कुलर सिस्टम को अपनाना है, जो लैंडफिल से निकलने वाली मीथेन जैसी हानिकारक गैसों को कम करेगा।
मीथेन, अल्पावधि में कार्बन डाइऑक्साइड से 80 गुना अधिक खतरनाक है।
इस पहल का उद्देश्य ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा देना भी है, जिससे 2030 तक वैश्विक स्तर पर 6 मिलियन नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं।
विश्व आर्थिक मंच:
यह एक गैर-लाभकारी एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
इसकी स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी।
इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में है।
प्रश्न. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) 2025 की वार्षिक बैठक में ग्लोबल प्लास्टिक एक्शन पार्टनरशिप (GPAP) से कितने नए देश जुड़े?