प्रारंभिक परीक्षा : वैश्विक सुरक्षा पहल मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:2- वैश्विक सुरक्षा पहल, भारत-चीन संबंध |
सुर्खियों में क्यों ?
- हाल ही में, चीन द्वारा ग्लोबल सिक्योरिटी इनिशिएटिव (जीएसआई) की स्थापना की गई है।
प्रमुख बिन्दु
- चीन ने इस पहल का उद्देश्य एशिया में स्थिरता और सुरक्षा को बहाल करना बताया है।
- हालांकि कुछ विदेशी मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल वास्तविक प्रयास के बजाय अमेरिकी नेतृत्व के लिए एक प्रति-उत्तर के रूप में अधिक प्रतीत होती है।
वैश्विक सुरक्षा पहल क्या है?
- इस पहल को चीन के विदेश मामलों के मंत्री किन गैंग ने बीजिंग में लैंटिंग फोरम में पेश किया था।
- यह पहल पांच स्तंभों पर आधारित है;
- आपसी सम्मान
- खुलापन और समावेश
- बहुपक्षवाद
- पारस्परिक लाभ
- एक समग्र दृष्टिकोण
समय के साथ अंतर्राष्ट्रीय भू-राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आ रहा है, इसलिए चीन द्वारा ऐसे सिद्धांतों को बढ़ावा देना विश्व में वैकल्पिक नेता के रूप में उभरने का प्रयास है
चीन का मौजूदा दृष्टिकोण
- आपसी सम्मान - संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के पालन पर जोर देता है। यह आपसी विश्वास और सम्मान पर भी ध्यान केंद्रित करता है।हालाँकि, यह सुझाव दिया जाता है कि चीन अपने पड़ोसियों के साथ अपने संबंधों में इस सिद्धांत की अवहेलना करता है। उदाहरण के लिए,
- यह नई दिल्ली के साथ विश्वास-निर्माण के उपायों की एकतरफा अवहेलना करता है और भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को भी कमजोर करता है।
- यह दक्षिण चीन सागर में एक मुखर नीति का अनुसरण करता है।
- इसके अलावा, यह UNCLOS को खारिज करता है।
- चीन पूर्वी और दक्षिणी चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता को सिरे से खारिज करता है। यह क्षेत्र में अपने प्रभाव क्षेत्र को मजबूत करने की कोशिश करता है जिससे खुलेपन और समावेश के सिद्धांत की अवहेलना होती है।
- हालांकि चीन विभिन्न बहुपक्षीय संस्थानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन वह उन्हें असममित शक्ति संबंधों के चश्मे से देखता है। उदाहरण के लिए,
- चीन आसियान सदस्यों को सामूहिक रूप से अपने दावे के खिलाफ कार्य करने के लिए विवश करता है। इस प्रकार बीजिंग द्वारा बहुपक्षीय सुरक्षा के सिद्धांत का भी पालन नहीं किया जाता है।
- चौथा सिद्धांत सहयोग और पारस्परिक लाभ पर प्रकाश डालता है। चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को एक बहुत ही आवश्यक सहकारी ढांचे के रूप में पेश करता है।
- हालांकि, वास्तविकता यह है कि बीआरआई के तहत अस्थिर परियोजनाओं ने कम या गैर-मौजूदा क्रेडिट रेटिंग वाले देशों पर अधिक वित्तीय बोझ पैदा किया है।
- अंतिम सिद्धांत पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों के लिए समग्र दृष्टिकोण की वकालत करता है। अमेरिका और भारत जैसे देशों के साथ चीन का जुड़ाव उसके शक्ति हित को दर्शाता है।
निष्कर्ष
- यह सुझाव दिया गया है कि चीन की वैश्विक सुरक्षा पहल (जीएसआई) दुनिया में बढ़ती असुरक्षा के लिए एक न्यायसंगत, टिकाऊ और पारदर्शी समाधान होने से बहुत दूर है।
- यह केवल कथाओं (narrative) के माध्यम से अमेरिकी नेतृत्व का मुकाबला करने का एक प्रयास है।