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विकास में महिलाओं की भूमिका पर वैश्विक सर्वेक्षण

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 : महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी तथा विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय)

संदर्भ 

यूएन वीमेन (UN Women) द्वारा ‘विकास में महिलाओं की भूमिका पर वैश्विक सर्वेक्षण’ (World Survey on the Role of Women in Development) रिपोर्ट जारी की गई।  

विकास में महिलाओं की भूमिका पर वैश्विक सर्वेक्षण रिपोर्ट के बारे में 

  • यह सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रत्येक पांच वर्ष में संयुक्त राष्ट्र महासभा की आर्थिक एवं वित्तीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के विचार-विमर्श के लिए लैंगिक परिप्रेक्ष्य के साथ आर्थिक एवं विकास संबंधी मुद्दों पर चर्चा पर केंद्रित है। 
  • वर्ष 2024 में जारी इस रिपोर्ट का नौवां संस्करण ‘लैंगिक समानता, लचीलापन एवं परिवर्तन के लिए सामाजिक सुरक्षा का उपयोग’ विषय पर केंद्रित है।

विकास में महिलाओं की भूमिका पर वैश्विक सर्वेक्षण रिपोर्ट का महत्त्व 

  • इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए यूएन वीमेन (UN Women) द्वारा शोधकर्ताओं, नीति-निर्माताओं, नागरिक समाज एवं संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाना  
  • नीति-निर्माताओं को मार्गदर्शन प्रदान करने, अधिकारों को बनाए रखने और सतत विकास को आगे बढ़ाने के लिए लैंगिक-उत्तरदायी सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों की एक नई पीढ़ी के लिए समर्थन प्रदान करने के लिए उनकी सामूहिक विशेषज्ञता का उपयोग करना
  • कवरेज, पर्याप्तता एवं व्यापकता में लैंगिक अंतर पर विश्लेषण करने के साथ ही उन्हें बंद करने के लिए आशाजनक प्रथाओं की पहचान करना 
  • सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को प्रगतिशील, लैंगिक-समानतापूर्ण एवं टिकाऊ तरीके से वित्तपोषित करने पर प्रकाश डालना 

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष 

  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2015 से अब तक हुई प्रगति के बावजूद कई विकासशील क्षेत्रों में सामाजिक सुरक्षा कवरेज में लैंगिक अंतर बढ़ा है। इससे पता चलता है कि हाल की उपलब्धियों से पुरुषों को असमान रूप से लाभ हुआ है जबकि महिलाएँ एवं बालिकाएँ पीछे छूट गई हैं। 
  • दुनिया भर में 63% से अधिक महिलाएँ अभी भी मातृत्व लाभ के बिना ही बच्चे को जन्म देती हैं, उप-सहारा अफ़्रीका में यह दर बढ़कर 94% हो गई है। मातृत्व अवकाश के दौरान वित्तीय सहायता की कमी महिलाओं की आर्थिक स्थिरता और उनके बच्चों के कल्याण के लिए गंभीर परिणाम वाली हो सकती है।
  • संघर्ष, जलवायु परिवर्तन एवं आर्थिक आघातों जैसे कारकों से लिंग-विशिष्ट जोखिम व कमज़ोरियाँ अधिक बढ़ जाती हैं। जीवन के सभी चरणों में महिलाओं की संख्या गरीबों में सर्वाधिक है और सबसे बड़ा अंतर उनके शिशु को जन्म देने के वर्षों के दौरान होता है। 
  • रिपोर्ट में महिलाओं पर हाल ही में हुई मुद्रास्फीति के असंगत प्रभाव को भी उजागर किया गया है क्योंकि खाद्य एवं ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने उन्हें विशेष रूप से मुश्किल में डाल दिया है।
  • 25-34 वर्ष की आयु की महिलाओं के, समान आयु के पुरुषों की तुलना में, अत्यधिक गरीबी का सामना करने वाले घरों में रहने की संभावना 25% अधिक है। संघर्ष एवं जलवायु परिवर्तन से यह असमानता अधिक बदतर हो जाती है। संवेदनशील (नाज़ुक) परिस्थितियों में रहने वाली महिलाओं के स्थिर वातावरण में रहने वाली महिलाओं की तुलना में अत्यधिक गरीबी का अनुभव करने की संभावना 7.7 गुना अधिक होती है।
  • संकट के बाद लिंग-विशिष्ट जोखिम एवं कमजोरियों को प्राय: अनदेखा कर दिया जाता है। उदाहरण के लिए, वर्ष 2022 से मुद्रास्फीति में तेज वृद्धि ने खाद्य एवं ऊर्जा की कीमतों को बढ़ा दिया है और इसने महिलाओं को असमान रूप से प्रभावित किया है।
    • हालाँकि, रिपोर्ट से पता चला है कि 171 देशों में सरकारों द्वारा शुरू किए गए लगभग 1,000 सामाजिक सुरक्षा उपायों में से केवल 18% ही महिलाओं की आर्थिक सुरक्षा पर केंद्रित थे।
  • रिपोर्ट में शिक्षाविदों, नागरिक समाज एवं संयुक्त राष्ट्र प्रणाली, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के योगदान के माध्यम से प्राप्त प्रगति पर भी प्रकाश डाला गया है। 
    • उदाहरण के लिए, मंगोलिया ने चरवाहे एवं स्वरोजगार वाले व्यक्तियों सहित अनौपचारिक श्रमिकों को मातृत्व अवकाश का लाभ दिया है। साथ ही, देखभाल में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए पितृत्व अवकाश को भी बढ़ाया है। 
  • रिपोर्ट में लिंग-संवेदनशील सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों के महत्व पर जोर दिया गया है जो महिलाओं एवं बालिकाओं के समक्ष आने वाली विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करती हैं।

यूएन वीमेन

  • क्या है : लैंगिक समानता एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए समर्पित संयुक्त राष्ट्र संगठन 
  • स्थापना : संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष (UNIFEM) और अन्य संस्थाओं के विलय से वर्ष 2010 में  
  • कार्य : विभिन्न भागीदारों के माध्यम से देशों एवं क्षेत्रीय स्तरों पर कार्यक्रमों व विभिन्न परियोजनाओं को लागू करना  
    • इन भागीदारों में सरकारी संस्थाएं, गैर-सरकारी संगठन (NGO), संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां, गैर-संयुक्त राष्ट्र अंतर सरकारी संगठन आदि शामिल हैं। 
  • लक्ष्य : 
    • नीतियों, वैश्विक मानकों एवं मानदंडों के निर्माण में महिलाओं की स्थिति पर आयोग जैसे अंतर-सरकारी निकायों का समर्थन करना 
    • संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों को उपरोक्त मानकों को लागू करने में सहायता करना
    • सदस्य देशों को लैंगिक समानता पर अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली को जवाबदेह ठहराने में सक्षम बनाना
    • इसमें प्रणाली-व्यापी प्रगति की नियमित निगरानी भी शामिल है।
  • मुख्य कार्य क्षेत्र 
    • नेतृत्व एवं राजनीतिक भागीदारी 
    • आर्थिक सशक्तिकरण 
    • महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना 
    • मानवीय कार्रवाई 
    • शांति एवं सुरक्षा 
    • शासन एवं राष्ट्रीय योजना 
    • सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा
    • एच.आई.वी. एवं एड्स 
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