हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक तपेदिक रिपोर्ट, 2020 जारी की है। जिसमे कोविड-19 के कारण तपेदिक से होने वाली मृत्यु पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के कारण दुनिया भर में टी.बी. से होने वाली मौतों में 0.2 से 0.4 मिलियन की वृद्धि हो सकती है।
भारत में अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के समय क्षय रोग के मामलों में 85% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, इसके कारण हुई मृत्यु की संख्या 2 लाख से 4 लाख के बीच रही। वर्ष 2015 से 2019 के बीच टी.बी. के मामलों में 9% की कमी, जबकि टी.बी. से होने वाली मौतों में 14% की वृद्धि दर्ज़ की गयी है।
विश्व में टी.बी. के वैश्विक मामलों का 44% फिलीपींस, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका में है, जबकि भारत, चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, नाइजीरिया, बांग्लादेश और रूस में टी.बी. के दो-तिहाई मामले दर्ज़ किये गए हैं। भारत, चीन और रूस में दवा प्रतिरोधी टी.बी. (Drug-resistant TB) अधिक प्रभावी है।
तपेदिक या टीबी एक घातक संक्रामक बीमारी है जो माइक्रोबैक्टीरिया या माइक्रोबैक्टीरियम तपेदिक के कारण होती है।
रिपोर्ट के अनुसार WHO, 40 मिलियन लोगों तक उपचार पहुंचाने के उद्देश्य से वर्ष 2018 से वर्ष 2022 के बीच निर्धारित पांच-वर्षीय लक्ष्य से आगे बढ़ रहा है। लेकिन, वर्तमान में इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में कोविड-19 सबसे बड़ी बाधा है। इस महामारी के कारण लोगों की मज़दूरी में आयी कमी के कारण दवाओं की खरीद तथा स्वास्थ्य केंद्रों तक मरीजों की पहुँच में कमी आयी जिससे उचित उपचार कराना मुश्किल हो गया है। परिवहन में आई कमी भी इसका एक प्रमुख कारण है।