26 सितंबर, 2024 को ग्लोब ई नेटवर्क के बीजिंग में आयोजित 5वें अधिवेशन के दौरान, भारत को 15 सदस्यीय ग्लोब ई संचालन समिति (GlobE Steering Committee) का सदस्य चुना गया है।
ग्लोब ई नेटवर्क (GlobE Network)
- परिचय : ग्लोब ई नेटवर्क एक वैश्विक मंच है, जो भ्रष्टाचार और सीमा पार वित्तीय अपराधों के मामलों का पता लगाने, जांच करने और मुकदमा चलाने के लिए विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देता है।
- ग्लोब ई नेटवर्क वर्ष 2020 में जी-20 देशों द्वारा समर्थित एक पहल थी।
- संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों और भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (UNCAC) के सदस्य देशों का कोई भी भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन प्राधिकरण नेटवर्क का सदस्य या सहायक सदस्य बन सकता है।
- पूरा नाम : भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों का वैश्विक परिचालन नेटवर्क (Global Operational Network of Anti-Corruption Law Enforcement Authorities : GlobE)
- शुरुआत : आधिकारिक तौर पर 3 जून 2021 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान लॉन्च किया गया।
- कार्य : ग्लोब ई नेटवर्क के माध्यम से दुनिया भर की एजेंसियां सर्वोत्तम भ्रष्टाचार रोधी प्रथाओं और आपराधिक खुफिया जानकारी साझा करती हैं, रणनीतियां विकसित करती हैं और भ्रष्टाचार से निपटने के साझा उद्देश्य में सहयोग करती हैं।
- वर्तमान सदस्य : 121 सदस्य देश और 219 सदस्य प्राधिकरण।
- ग्लोब ई नेटवर्क संचालन समिति :
- 15-17 नवंबर 2021, वियना में ग्लोब ई नेटवर्क की पहली वार्षिक बैठक के दौरान इस संचालन समिति का गठन किया गया था।
- इस समिति में कुल 15 सदस्य (1 अध्यक्ष, 1 उपाध्यक्ष और 13 अन्य सदस्य) होते हैं।
- इन सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। पहला कार्यकाल जनवरी 2021 में शुरू हुआ था।
- भारत वर्ष 2024-27 के लिए संचालन समिति का सदस्य चुना गया है।
- भारत की भूमिका :
- 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दो उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया गया था, जिसमें ग्लोब ई नेटवर्क के लाभ उठाने का विस्तृत विवरण दिया गया था।
- भारत की ओर से गृह मंत्रालय ग्लोब ई नेटवर्क के लिए केंद्रीय प्राधिकरण है और सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत से इस नेटवर्क के सदस्य प्राधिकरण हैं।
- भारत की ग्लोब ई संचालन समिति में भागीदारी, सीमा पार वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से निपटने के उसके प्रयासों को मजबूत करेगी।