भारत की शाही विरासत का दुर्लभ ‘द गोलकोंडा ब्लू रॉयल हीरा’ जिनेवा में क्रिस्टी की ‘मैग्नीफिसेंट ज्वेल्स’ सेल में नीलाम किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक हीरा होल्कर वंश के शासकों के पास था।

द गोलकोंडा ब्लू रॉयल हीरा
- परिचय : यह 23.24-कैरेट का गहरे नीले रंग का एक दुर्लभ हीरा है जो एक अंगूठी में जड़ा हुआ है। इसे पेरिस के प्रसिद्ध डिजाइनर JAR ने डिज़ाइन किया है।
- इसके 35 से 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹300–₹430 करोड़) में बिकने का अनुमान है।
- प्राप्ति स्थल : इसकी प्राप्ति वर्तमान तेलंगाना की प्रसिद्ध गोलकोंडा (गोलकुंडा) खानों से हुई थी। विश्व की कुछ सबसे बेहतरीन हीरा खानों के लिए प्रसिद्ध रहा है जिनमें कोहिनूर, होप डायमंड, ड्रेसडेन ग्रीन आदि हीरे शामिल हैं।
- इन हीरों की विशेषता इनकी असाधारण पारदर्शिता, रंग एवं दुर्लभ होना है।
- ऐतिहासिक महत्व :
- यह हीरा इंदौर के महाराजा यशवंतराव होल्कर द्वितीय के पास था जो आधुनिकता और कला प्रेमी शासक थे।
- वर्ष 1923 में उनके पिता ने इसे एक ब्रेसलेट में जड़वाया था। स्वतंत्रता के बाद यह हैरी विंस्टन नामक अमेरिकी जौहरी के पास पहुँचा।
- फिर यह बड़ौदा के महाराजा के पास आया और वर्तमान में यह निजी स्वामित्व में है।
होल्कर वंश के बारे में
- परिचय : होल्कर वंश मराठा साम्राज्य की एक प्रमुख शाखा थी, जिसने इंदौर रियासत पर शासन किया।
- स्थापना : मल्हार राव होल्कर द्वारा 1732 ई. में
- राजधानी : इंदौर
प्रमुख शासक
- मल्हार राव होल्कर : होल्कर वंश के संस्थापक एवं मराठा साम्राज्य के महत्वपूर्ण सूबेदार
- अहिल्याबाई होल्कर : मल्हार राव की पुत्रवधू ‘अहिल्याबाई होल्कर’ इस वंश की सबसे प्रसिद्ध शासिका थीं जिन्हें न्यायप्रिय, धार्मिक एवं जनकल्याणकारी रानी के रूप में याद किया जाता है।
- राजधानी का इंदौर से महेश्वर स्थानांतरण
- महेश्वर एवं इंदौर व राज्य के बाहर पवित्र स्थलों पर मंदिरों का निर्माण
- तुकोजीराव होल्कर : अहिल्याबाई के शासनकाल में सेनापति एवं बाद में शासक
- यशवंतराव होल्कर : इस वंश के अंतिम शासकों में से थे और आधुनिक कला एवं वास्तुकला में उनकी विशेष रुचि थी।
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