चर्चा में क्यों
पश्चिमी असम के बोंगाईगाँव ज़िले में स्थित ‘काकोइजाना वन क्षेत्र’ को एक वन्यजीव अभयारण्य का दर्जा देने के राज्य सरकार के निर्णय का विरोध किया जा रहा है। इस क्षेत्र को गोल्डन लंगूर का प्राकृतिक आवास माना जाता है।
गोल्डन लंगूर
- इसका वैज्ञानिक नाम ‘ट्रेचिपिथेकस गीई’ (Trachypithecus Geei) है। यह केवल पश्चमी असम और भूटान की काला पर्वत के तलहटी क्षेत्र में पाया जाता है। यह भारत में में खोजे गए प्राइमेट्स में से एक है तथा यह विश्व के 25 सर्वाधिक संकटग्रस्त प्राइमेट्स में शामिल है।
- भारत में चक्रशिला वन्यजीव अभयारण्य (असम) गोल्डन लंगूर के लिये दूसरा संरक्षित आवास है।
- विदित है कि गोल्डन लंगूर के संरक्षण हेतु वर्ष 2011-12 में ‘असम राज्य चिड़ियाघर’ में ‘गोल्डन लंगूर संरक्षण परियोजना’ (GLCP) शुरू की गई थी।
संरक्षण की स्थिति
- आई.यू.सी.एन (IUCN) की रेड लिस्ट : संकटग्रस्त (Endangered)
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 : अनुसूची- I
- वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) : परिशिष्ट- I