- हाल ही में आलोक शुक्ला को गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार 2024 के लिए चुना गया
- आलोक शुक्ला प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक हैं
- इन्होंने छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य वन की सुरक्षा के लिए हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति की स्थापना की और स्थानीय आदिवासी समुदायों को संगठित किया।
- इनसे पहले सात भारतीय व्यक्तियों को यह पुरस्कार मिल चुका है
- भारत में सबसे पहले यह पुरस्कार मेधा पाटकर को वर्ष 1992 में मिला था
गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार
- इसकी स्थापना रिचर्ड और रोडा गोल्डमैन द्वारा 1989 में की गई थी
- वर्ष 1990 से इसे प्रतिवर्ष गोल्डमैन एनवायर्नमेंटल फाउंडेशन द्वारा प्रदान किया जाता है।
- इस पुरस्कार का उद्देश्य जमीनी स्तर के पर्यावरण नेताओं को सम्मानित करना, पर्यावरणीय समस्याओं पर अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है
- इसे ग्रीन नोबेल पुरस्कार” के रूप में भी जाना जाता है