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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा गूगल पर जुर्माना 

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए – गूगल, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, अनुचित व्यापार प्रथाएं)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 3 - सूचना प्रौद्योगिकी)

संदर्भ 

हाल ही में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में अपनी स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने अप्रैल 2019 में देश में एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन के उपभोक्ताओं की शिकायतों के बाद मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया था।
  • जांच के लिए इन पांच क्षेत्रों की पहचान की गयी थी -
    • स्मार्ट मोबाइल उपकरणों के लिए लाइसेंस योग्य ओएस बाजार।
    • एंड्रॉयड स्मार्ट मोबाइल ओएस वाले एप स्टोर बाजार।
    • सामान्य वेब सर्च सेवा बाजार।
    • गैर-ओएस मोबाइल वेब ब्राउजर।
    • ऑनलाइन वीडियो होस्टिंग प्लेटफॉर्म बाजार।
  • गूगल पर एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (MDA) और एंटी फ्रैगमेंटेशन एग्रीमेंट (AFA) जैसे समझौतों में गलत कारोबारी गतिविधियां अपनाने का आरोप लगाया गया था।
  • मोबाइल उपकरणों को अनुप्रयोगों (ऐप्स) और कार्यक्रमों को चलाने के लिए एक ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) की आवश्यकता होती है।
  • एंड्रॉयड ऐसा ही एक मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसे गूगल द्वारा 2005 में अधिग्रहित किया गया।
  • गूगल एंड्रॉयड ओएस (Operating System) का संचालन और प्रबंधन करता है, तथा इसके लिए अन्य कंपनियों को लाइसेंस भी जारी करता है।
  • गूगल के ओएस और ऐप्स का इस्तेमाल ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEMs) अपने मोबाइल डिवाइस के लिए करते हैं।
  • ओएस और ऐप्स के प्रयोग को लेकर गूगल तथा OEMs के मध्य विभिन्न प्रकार के एग्रीमेंट किए जाते हैं, जिन्हे मोबाइल एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट (Mobile Application Distribution Agreement-MADA) कहा जाता है।
  • आयोग ने कहा, कि गूगल ने एमएडीए के तहत पूरे गूगल मोबाइल सुइट (जीएमएस) का प्री-इंस्टॉलेशन अनिवार्य कर दिया था, जिसे अन-इंस्टॉल भी नहीं किया जा सकता है।
    • इसे आयोग ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम की धारा-4 का उल्लंघन माना है।
  • गूगल यह सुनिश्चित करने के लिए उपकरणों और ऐप निर्माताओं पर एक तरफा अनुबंध थोपता है, कि उसके स्वयं के उत्पाद और एप्लिकेशन उपभोक्ता उपयोग में प्रधानता बनाए रखें, और उच्चतम उपयोगकर्ता वरीयता के लिए पूर्व-स्थापित और साथ ही डिफ़ॉल्ट विकल्पों में आयें।
  • सीसीआई ने गूगल को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने तथा एक निर्धारित समय-सीमा के भीतर अपने कामकाज के तरीके को संशोधित करने का निर्देश भी दिया है।
  • गूगल को आवश्यक वित्तीय विवरण और सहायक दस्तावेज जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
  • मौद्रिक दंड लगाने के अतिरिक्त, आयोग ने गूगल को प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं में शामिल होने से रोकने का आदेश भी जारी किया है -
    • गूगल अपने प्ले स्टोर का ओईएम, ऐप डेवलपर्स और इसके मौजूदा या संभावित प्रतिस्पर्धियों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं करेगा।
    • यह एंड्रॉइड ओएस के बीच ऐप्स की इंटरऑपरेबिलिटी को सुनिश्चित करेगा।
    • गूगल पहले से इंस्टॉल किए गए ऐप्स को उपयोगकर्ताओं द्वारा अनइंस्टॉल करने पर भी रोक नहीं लगाएगा।
    • गूगल अपनी खोज सेवाओं के लिए विशिष्टता सुनिश्चित करने के लिए OEM को कोई मौद्रिक/अन्य प्रोत्साहन नहीं देगा, या उसके साथ कोई अन्य ऐसी व्यवस्था नहीं करेगा।
  • इससे पहले फरवरी 2018 में भी सीसीआई ने गूगल को ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन बाजार में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने पर 135.86 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।
    • यह आदेश भारत मैट्रिमोनी डॉट कॉम और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी (सीयूटीएस) द्वारा दायर शिकायतों पर आया था।
    • तब गूगल को खोज परिणामों को प्रदर्शित करने में पक्षपातपूर्ण व्यवहारों का दोषी पाया गया था।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग

  • भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की स्थापना प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत अधिनियम के प्रशासन, कार्यान्वयन और प्रवर्तन के लिए की गई थी, और यह मार्च 2009 में विधिवत गठित हुआ।
  • स्थापना के उद्देश्य -
    • प्रतिस्पर्धा पर विपरीत प्रभाव डालने वाले व्यवहारों को रोकना।
    • बाजारों में प्रतिस्पर्धा का संवर्धन और उसे बनाए रखना।
    • उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा।
    • व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
  • भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में एक अध्यक्ष तथा 6 सदस्य होते हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। 
  • CCI को भारत में व्यापार करने वाले संगठनों को नोटिस देने का अधिकार है, यदि वे भारत के घरेलू बाज़ार की प्रतिस्पर्द्धा को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं।
  • आयोग को किसी भी कानून के तहत स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण से प्राप्त संदर्भ पर प्रतिस्पर्धा के मुद्दों पर राय देने और प्रशिक्षण प्रदान करने की भी अनुमति है।
  • सीसीआई अर्थव्यवस्था में अन्य नियामक प्राधिकरणों के साथ बातचीत और सहयोग भी सुनिश्चित करता है।
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