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सतत कृषि के लिये सरकार के प्रयास 

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : समावेशी विकास, कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय)

संदर्भ 

भारत सरकार ने किसानों के लिये उच्च आय, सतत कृषि और किसान समृद्धि को बढ़ावा देने के लिये कई विकास कार्यक्रमों, योजनाओं, सुधारों और नीतियों को लागू किया है। इन सभी नीतियों और कार्यक्रमों को उच्च बजटीय आवंटन, गैर-बजटीय वित्तीय संसाधनों द्वारा समर्थित किया जा रहा है। 

प्रमुख प्रयास 

  • ई-नाम (eNAM) और ग्राम (Gramin Agriculture Markets: GrAM) को मज़बूत करने के लिये माइक्रो इरीगेशन फण्ड और कृषि-विपणन योजना, जैसे कॉर्पस फंड बनाना तथा पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्रों को बढ़ावा देना इसके उदाहरण हैं।
  • क्षमता विकास के लिये भी कई सुधार किये गए हैं। इनमें ‘आदर्श कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (संवर्द्धन और सुविधा) अधिनियम, 2017’, ‘ग्रामीण कृषि बाज़ारों (ग्राम) की स्थापना’, ‘कृषि-निर्यात नीति, 2018’, ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) अधिनियम, 2020’, ‘कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020’, ‘आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955’ में संशोधन और आत्मनिर्भर पैकेज (कृषि) के तहत आवश्यक वित्तीय सहायता के साथ 10,000 एफ.पी.ओ. को बढ़ावा देने जैसे बाज़ार सुधार शामिल हैं।
  • साथ ही, पी.एम.-किसान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) जैसी अनुपूरक आय हस्तांतरण के अतिरिक्त उत्पादन लागत पर न्यूनतम 50% लाभ मार्जिन सुनिश्चित करने के लिये सभी खरीफ और रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि, हर मेड़ पर पेड़, मधुमक्खी पालन, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, नीली क्रांति, ब्याज सबवेंशन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी.- जो अब कृषि फसलों आदि के अलावा डेयरी और मत्स्य पालन किसानों को भी उत्पादन ऋण प्रदान करता है) भी किसान-कल्याण के लिये महत्त्वपूर्ण है। 

किसानों के लाभ के लिये प्रारंभ विभिन्न योजनाएँ

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
    • सभी किसान परिवारों को आय सहायता प्रदान करने के लिये उन्हें कृषि और संबद्ध गतिविधियों के साथ-साथ घरेलू ज़रूरतों से संबंधित खर्चों में सक्षम बनाने के लिये केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पी.एम.-किसान) की शुरुआत की है।
    • इस योजना के तहत उच्च आय समूह को छोड़कर अन्य किसान परिवारों को तीन किश्तों में प्रति वर्ष 6000 रुपए का भुगतान प्रदान किया जाता है।
    • प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना
      • छोटे और सीमांत किसानों के लिये सामाजिक सुरक्षा जाल प्रदान करने के दृष्टिकोण से किसानों को वृद्धावस्था पेंशन प्रदान करने के लिये एक नई केंद्रीय क्षेत्र की योजना- ‘प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना’ (पी.एम.-के.एम.वा.ई.) को लागू किया गया है।
      • इसका उद्देश्य वृद्धावस्था में आर्थिक सहायता प्रदान करना और आजीविका के नुकसान की स्थिति में उनका समर्थन करना है। इस योजना के तहत पात्र लघु और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु पर रु. 3000 प्रतिमाह की न्यूनतम निश्चित पेंशन प्रदान की जाएगी।
      • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
        • जोखिम न्यूनीकरण के लिये फसलों को बेहतर बीमा कवरेज प्रदान करने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) को खरीफ सीजन, 2016 से शुरू किया गया था।
        • इस योजना में किसानों द्वारा कम प्रीमियम योगदान पर फसल चक्र के सभी चरणों के लिये बीमा कवर प्रदान किया जाता है, जिसमें निर्दिष्ट मामलों में फसल कटाई (Post-Harvest) के बाद के जोखिम भी शामिल हैं।
      • किसानों की आय को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने 2018-19 सीजन के लिये सभी खरीफ और रबी फसलों के लिये एम.एस.पी. में उत्पादन लागत के कम से कम 150 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है।
      • किसानों के लिये ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड’ वितरण की फ्लैगशिप योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है ताकि उर्वरकों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जा सके। साथ ही, जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिये ‘परंपरागत कृषि विकास योजना’ (PPKV) की शुरुआत की गई है।
      • जल के इष्टतम उपयोग व इनपुट लागत को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिये ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ पहल के तहत ‘ड्रिप/स्प्रिंकलर सिंचाई’ को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
      • किसानों को एक इलेक्ट्रॉनिक पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिये ई-एन.ए.एम. पहल (e-NAM) का शुभारंभ किया गया है।
          • हर मेड़ पर पेड़
            • अतिरिक्त आय के लिये ‘हर मेड़ पर पेड़’ के तहत कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय वन अधिनियम, 1927 में संशोधन के साथ बाँस को वृक्षों की परिभाषा से हटा दिया गया है।
            • गैर वन सरकारी भूमि के साथ-साथ निजी भूमि पर बाँस के रोपण को बढ़ावा देने और मूल्यवर्धन, उत्पाद विकास और बाज़ारों पर जोर देने के लिये वर्ष 2018 में एक पुनर्गठित राष्ट्रीय बाँस मिशन शुरू किया गया है।
            • प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान
              • किसान हितैषी पहलों को बढ़ावा देने हेतु सरकार ने एक नई अम्ब्रेला योजना 'प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान' (पी.एम.आशा- PMAASHA) को मंजूरी दी है।
              • इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में घोषित किसानों को उनकी उपज के लिये लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना है। यह सरकार द्वारा उठाया गया एक अभूतपूर्व कदम है।
              • परागण के माध्यम से फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय के अतिरिक्त स्रोत के रूप में शहद उत्पादन बढ़ाने के लिये ‘एकीकृत बागवानी विकास मिशन’ (MIDH) के तहत मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया गया है।
              • कृषि ऋण प्रवाह लक्ष्य
                • पर्याप्त ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करने के लिये सरकार कृषि क्षेत्र को ऋण के प्रवाह के लिये वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करती है और बैंक लगातार वार्षिक लक्ष्य को पार कर रहे हैं।
                • वित्त वर्ष 2019-20 के लिये 13.50 लाख करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2020-21 के लिये 15.00 लाख करोड़ रुपए और वित्त वर्ष 2021-22 के लिये 16.50 लाख करोड़ रुपए कृषि ऋण प्रवाह लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 
                • ब्याज सबवेंशन
                  • अधिक से अधिक किसानों तक संस्थागत ऋण की पहुँच में वृद्धि सरकार की प्राथमिकता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सरकार 3.00 लाख रुपए तक के अल्पकालिक फसल ऋण पर 2% का ब्याज सबवेंशन प्रदान करती है। वर्तमान में किसानों को शीघ्र पुनर्भुगतान पर 4% प्रति वर्ष की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध है।
                  • इसके अलावा, ब्याज सबवेंशन योजना 2018-19 के तहत प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में किसानों को राहत प्रदान करने के लिये बैंकों को पुनर्गठित राशि (Restructured Amount) पर पहले वर्ष के लिये 2% की ब्याज सबवेंशन उपलब्ध रहेगी।
                  • किसानों द्वारा संकटग्रस्त बिक्री/आपात बिक्री को हतोत्साहित करने और उन्हें परक्राम्य रसीदों (Negotiable Receipts) के विरुद्ध गोदामों में उपज के भण्डारण को प्रोत्साहित करने के लिये ब्याज सबवेंशन का लाभ किसान क्रेडिट कार्ड वाले छोटे और सीमांत किसानों को फसल कटाई के बाद छह महीने तक के लिये फसल ऋण के लिये उपलब्ध दर के समान उपलब्ध होगा।
                  • किसान क्रेडिट कार्ड
                    • सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन से संबंधित गतिविधियों वाले किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा प्रदान की है।
                    • के.सी.सी. के नए सिरे से नवीनीकरण के लिये सभी प्रक्रमण संसाधन शुल्क (Processing Fee), निरीक्षण, खाता बही शुल्क और अन्य सभी सेवा शुल्क माफ कर दिये गए हैं।
                    • लघु अवधि के कृषि ऋण के लिये कोलैटरल शुल्क ऋण (Collateral Fee Loan) सीमा 1.00 लाख रुपए से बढ़ाकर 1.60 लाख रुपए कर दी गई है। पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 14 दिनों के भीतर के.सी.सी. जारी कर दी जाएगी।

                    प्रारंभ किये गए बाज़ार सुधार

                    • सरकार ने किसानों के लिये कई बाज़ार सुधार प्रारंभ किये हैं। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं-
                      • मॉडल कृषि उत्पाद और पशुधन विपणन (संवर्द्धन और सुविधा) अधिनियम, 2017
                      • एग्रीगेशन प्लेटफॉर्म के रूप में 22,000 ग्रामीण कृषि बाज़ारों (GrAMs) की स्थापना
                      • वर्ष 2022 तक कृषि-निर्यात को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ कृषि-निर्यात नीति
                      • किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020
                      • मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता
                      • आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में संशोधन, जो विभिन्न कृषि-वस्तुओं को नियंत्रणमुक्त करता है।
                      • वर्ष 2024 तक 10,000 एफ.पी.ओ. को बढ़ावा देना

                      कॉर्पस फंड का निर्माण

                      • माइक्रो इरीगेशन फण्ड- रु. 10,000 करोड़
                      • ई-नाम (eNAM) और GrAMs को मजबूत करने के लिये कृषि-विपणन कोष- रु. 2,000 करोड़
                      • मधुमक्खी पालन के लिये 500 करोड़ रूपए सहित एग्री-लॉजिस्टिक्स (बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज) बनाने के लिये कृषि अवसंरचना कोष- रु. 100,000 करोड़।
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