संदर्भ
केंद्र सरकार ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में नियुक्त किया है। इनका कार्यकाल 11 दिसंबर, 2024 से 3 वर्ष की अवधि के लिए होगा और ये शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे जिन्होंने 6 वर्षों तक पद ग्रहण किया।
संजय मल्होत्रा के बारे में
- संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वर्ष 1990 बैच के अधिकारी हैं। गवर्नर के रूप में नियुक्ति से पूर्व वे भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग (DOR) के सचिव थे।
- वे 16 फरवरी, 2022 से 14 नवंबर, 2022 तक भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड में सरकारी नामित निदेशक के रूप में कार्यरत रहे।
भारतीय रिजर्व बैंक के बारे में
|
- स्थापना : 1 अप्रैल, 1935 को भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के तहत
- प्रारंभिक मुख्यालय : कोलकाता
- स्थायी मुख्यालय : मुंबई (वर्ष 1937 से)
- 33 स्थानों पर RBI के कार्यालय हैं।
- स्वामित्व : प्रारंभ में निजी स्वामित्व; वर्ष 1949 में राष्ट्रीयकरण के बाद से पूर्णतः भारत सरकार के स्वामित्व में।
RBI प्रस्तावना के अंतर्गत मुख्य उद्देश्य
- मौद्रिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बैंक नोटों के निर्गमन को विनियमित करना तथा भंडार का प्रबंधन करना
- देश के लाभ के लिए मुद्रा एवं ऋण प्रणाली संचालित करना
- बढ़ती एवं जटिल होती अर्थव्यवस्था के लिए आधुनिक मौद्रिक नीति ढांचा विकसित करना
- विकास को बढ़ावा देते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना
केंद्रीय निदेशक मंडल
- RBI के कामकाज की देखरेख केंद्रीय निदेशक मंडल द्वारा की जाती है जिसे RBI अधिनियम के अनुसार भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। यह बोर्ड चार वर्ष की अवधि के लिए कार्य करता है।
- आधिकारिक निदेशक :
- गवर्नर : RBI में केंद्रीय व्यक्ति
- उप-गवर्नर : चार से अधिक नहीं
- गैर- आधिकारिक निदेशक :
- सरकार द्वारा मनोनीत : विभिन्न विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों से सरकार द्वारा नामित दस निदेशक और दो सरकारी अधिकारी
- अन्य : आर.बी.आई. के चार स्थानीय बोर्डों का प्रतिनिधित्व करने वाले चार निदेशक
मुख्य कार्य
- मौद्रिक प्राधिकरण : मौद्रिक नीति तैयार करता है, उसे लागू करता है और उसकी निगरानी करता है।
- उद्देश्य : विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखना।
- वित्तीय प्रणाली का नियामक एवं पर्यवेक्षक : बैंकिंग परिचालन के व्यापक मापदंड निर्धारित करता है जिसके अंतर्गत देश की बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली कार्य करती है।
- उद्देश्य : प्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखना, जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना और जनता को लागत प्रभावी बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करना।
- विदेशी मुद्रा प्रबंधक : विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 का प्रबंधन करता है।
- उद्देश्य : बाह्य व्यापार एवं भुगतान को सुविधाजनक बनाना और भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के व्यवस्थित विकास व रखरखाव को बढ़ावा देना।
- मुद्रा जारीकर्ता : मुद्रा नोट जारी करना, उनका आदान-प्रदान करना और उन्हें नष्ट करना तथा भारत सरकार द्वारा ढाले गए सिक्कों को प्रचलन में लाना।
- उद्देश्य : जनता को पर्याप्त मात्रा में और अच्छी गुणवत्ता वाले मुद्रा नोट एवं सिक्के उपलब्ध कराना।
- सरकार का बैंकर : केंद्र और राज्य सरकारों के लिए मर्चेंट बैंकिंग का कार्य करता है; उनके बैंकर के रूप में भी कार्य करता है।
- बैंकों का बैंकर : सभी अनुसूचित बैंकों के बैंकिंग खातों का रखरखाव करता है।
- विकासात्मक भूमिका : राष्ट्रीय उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए प्रचार कार्यों की एक विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करता है।
- भुगतान एवं निपटान प्रणालियों का विनियामक व पर्यवेक्षक : देश में आम जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भुगतान प्रणालियों के सुरक्षित व कुशल तरीकों को प्रस्तुत करता है और उन्हें उन्नत बनाता है।
- उद्देश्य: भुगतान एवं निपटान प्रणाली में जनता का विश्वास बनाए रखना।
|