चर्चा में क्यों?

- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी दैनिक एक्यूआई बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का दैनिक औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 202 दर्ज किया गया।
- AQI का स्तर 201-300 के बीच होने पर इसे 'खराब' श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है।
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप-समिति ने दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता परिदृश्य का आकलन करने के लिए एक बैठक आयोजित की।
- वायु गुणवत्ता सुधार के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत आवश्यक कदम उठाने का निर्णय लिया गया।
औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI):
- AQI प्रदूषण मापने का पैमाना है।
- इसके माध्यम से हवा में मौजूद CO2, ओजोन, NO2, PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 प्रदूषक की मात्रा मापी की जाती है।
- उसे 0 से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है।
- हवा में प्रदूषक की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना अधिक होगा।

PM 2.5:
- PM (पार्टिकुलेट मैटर) हवा में फैले सूक्ष्म या नैनो-कण होते हैं।
- वे कण जिनका व्यास 2.5 माइक्रोमीटर से कम (मानव बाल के व्यास के लगभग 3%) होता है, उन्हें PM 2.5 कहते हैं।
- ये अस्थिर, अर्ध-वाष्पशील, गैर-वाष्पशील, तरल या ठोस हो सकते हैं।
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ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP):
- आरंभ - वर्ष 2017
- कार्यान्वयन - वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) द्वारा
- यह एक आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना है
- दिल्ली और एनसीआर में वायु की गुणवत्ता खराब होने पर लागू होती है
- GRAP को चार चरणों में बांटा गया है
- स्टेज 1- वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 201 से 300 के बीच
- स्टेज 2- AQI 301-400 के बीच
- स्टेज 3- AQI 401-450 के बीच
- स्टेज 4- AQI 450 से अधिक