New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड 

चर्चा में क्यों

हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात में विद्युत् लाइनों को भूमिगत करने की स्थिति से अवगत करने का आदेश दिया है। प्राकृतिक आवास में ओवरहेड हाई-टेंशन तारों के कारण ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) की संख्या में कमी आ रही है।

प्रमुख बिंदु

  • पवन चक्कियों और सौर पार्कों द्वारा आवास स्थलों (घास के मैदानों) का अतिक्रमण होने और उच्च-वोल्टेज वाली विद्युत् लाइनों (High-tension Power Lines) के कारण बड़े पक्षियों को करेंट लगने का खतरा रहता है।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने विगत वर्ष राजस्थान और गुजरात राज्य की विद्युत् कंपनियों को हाई टेंशन विद्युत् लाइनों को भूमिगत करने का आदेश दिया था ताकि जी.आई.बी. और लेसर फ्लोरिकन जैसे बड़े पक्षियों को करेंट लगने से बचाया जा सके।

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की विशेषता

great-indian-bustard

  • ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) को ‘बड़ा भारतीय तिलोर’,  ‘गोडावण’ या ‘गुरायिन’ भी कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ‘अर्डीओटिस नाइग्रिसप्स’ (Ardeotis Nigriceps) है। 
  • इसका वजन 14 से 15 किग्रा. और लंबाई 4 फीट तक होती है, जिससे हवा में रास्ता बदलने में इनको कठनाई होती है और विद्युत् लाइनों का शिकार हो जाती हैं।
  • उल्लेखनीय है कि जी.आई.बी. राजस्थान का राजकीय पक्षी है। जैसलमेर के ‘पवित्र उपवन’ (Sacred Groves) और देगराय ओरण के ‘पवित्र उपवन’ के आसपास के क्षेत्र इनके अंतिम शेष प्राकृतिक आवासों में से एक हैं।
  • वर्ष 2018 की जी.आई.बी. गणना के अनुसार, देश में कुल 150 जी.आई.बी. में से लगभग 122 राजस्थान के जैसलमेर जिले में पाए गए थे, जबकि बाकी गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में पाए गए थे।

प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड एवं संरक्षण स्थिति 

  • बड़े पक्षियों की गिरती संख्या को देखते हुए प्रोजेक्ट टाइगर के समान ही वर्ष 2013 में राजस्थान सरकार ने इस प्रोजेक्ट को प्रारंभ किया। 
  • ग्रेट इंडियन बस्टर्ड की संरक्षण स्थिति- 
    • आई.यू.सी.एन. (IUCN)- अतिसंकट ग्रस्त (Critically Endangered)
    • साइट्स (CITES)- परिशिष्ट-I
    • वन्य जीव संरक्षण अधिनियम,1972 की अनुसूची-I में शामिल
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR