(प्रारंभिक परीक्षा : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
चर्चा में क्यों
मियामी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा, पिछले दो दशकों के अध्ययन में पाया गया कि दक्षिण अफ्रीका के ‘फाल्स बे’ में ग्रेट व्हाइट शार्क के विलुप्त होने से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र नकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है।
ग्रेट व्हाइट शार्क के बारे में
- परिचय : यह लार्ज मैकेरल शार्क की एक प्रजाति है जो सभी प्रमुख महासागरों के सतही जल में पाई जाती है।
- इसे व्हाइट शार्क, व्हाइट पॉइंटर या ग्रेट व्हाइट के रूप में भी जाना जाता है।
- वंश एवं कुल : कार्चारोडोन (Carcharodon) वंश के लैम्निडे (Lamnidae) कुल से संबंधित
- यह कार्चारोडोन वंश की एकमात्र ज्ञात जीवित प्रजाति है।
- संरक्षण स्थिति
- IUCN की रेड लिस्ट में संवेदनशील (VU) के रूप में वर्गीकृत
- CITES की परिशिष्ट II में शामिल
- पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका
- शीर्ष शिकारी: यह शीर्ष शिकारी के रूप में मध्यम स्तर के शिकारियों और शाकाहारी जीवों की संख्या को संतुलित करती है।
- संकेतक प्रजाति : यह एक प्रमुख संकेतक प्रजाति है जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता को दर्शाता है।

हालिया अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
- व्हाइट शार्क की विलुप्ति के कारण
- अनियंत्रित शिकार और सुरक्षा जालों (protective nets) का अत्यधिक प्रयोग
- ऑर्का व्हेल्स (killer whales) द्वारा व्हाइट शार्क के शिकार की बढ़ती घटनाएँ
- समुद्री पारिस्थितिकी में प्रमुख परिवर्तन
- वहाइट शार्कों की विलुप्ति के कारण केप फर सील (आर्कटोसेफालस पुसिलस) और सेवेनगिल शार्क (नोटोरिंचस सेपेडियनस) की जनसंख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप उन मछली प्रजातियों में भी कमी आई है जिन पर ये शिकारी भोजन के लिए निर्भर रहते हैं।
- यह बदलाव समुद्री पारिस्थितिकी में श्रृंखलाबद्ध असंतुलन (cascading effects) को दर्शाता है।
- इनकी अनुपस्थिति से कुछ प्रजातियाँ अत्यधिक बढ़ जाती हैं, जो नीचे की खाद्य श्रृंखला को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।
- संरक्षण की आवश्यकता
- शोध मे ग्रेट व्हाइट शार्क जैसी शीर्ष प्रजातियों का संरक्षण की अनिवार्यता को रेखांकित किया गया है।
- आज जब महासागरों को पहले से ही अत्यधिक मछली पकड़ने, आवास हानि, और जलवायु परिवर्तन जैसे खतरे झेलने पड़ रहे हैं, ऐसे में इन शार्क्स का लुप्त होना और भी चिंताजनक है।