चर्चा में क्यों?
हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली (Inter-State Transmission System) के लिये हरित ऊर्जा गलियारा (ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर) चरण-II को मंजूरी दी है।
प्रमुख बिंदु
- योजना के तहत लगभग 10,750 सर्किट किमी पारेषण लाइन व 27,500 मेगा वोल्ट-एम्पियर (mVA) ट्रांसफार्मर क्षमता के अतिरिक्त सब-स्टेशन जोड़े जाएंगे।
- इस योजना से सात राज्यों- गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में ग्रिड एकीकरण किया जाएगा।
- योजना द्वारा वर्ष 2030 तक 450 गीगवाट क्षमता की नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
- योजना से देश में दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा में योगदान व कार्बन उत्सर्जन को कम करके पारिस्थितिक रूप से सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।
- इससे ऊर्जा और अन्य संबंधित क्षेत्रों में कुशल और अकुशल कामगारों के लिये प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर सृजित होंगे।
हरित ऊर्जा गलियारा चरण-I
चरण-I के तहत ग्रिड एकीकरण तथा लगभग 24 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु में ग्रिड एकीकरण किया जाएगा।