(प्रारम्भिक परीक्षा, सामान्य अध्ययन 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।) |
संदर्भ
21 दिसंबर, 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद ने पॉपकॉर्न पर नई अलग-अलग कर दरें पेश कीं।
GST परिषद् का नवीनतम निर्णय
- पॉपकॉर्न पर नई कर दरें इस प्रकार हैं-
- 5% GST : नमक और मसालों के साथ मिश्रित गैर-ब्रांडेड पॉपकॉर्न।
- 12% GST : पूर्व-पैकेज्ड और ब्रांडेड पॉपकॉर्न।
- 18% GST : कारमेल पॉपकॉर्न (चीनी कन्फेक्शनरी के रूप में वर्गीकृत)।
- इस परिवर्तन का उद्देश्य पहले की भ्रांति को दूर करना है, क्योंकि भारत के विभिन्न राज्यों में पॉपकॉर्न पर अलग-अलग कर लगाया जाता था।
कराधान के पीछे तर्क
- वित्त मंत्री के अनुसार, कारमेल पॉपकॉर्न पर अधिक चीनी (Added Sugar) सामग्री के कारण अधिक कर लगाया जाता है।
- वस्तुतः जिन उत्पादों में चीनी मिलाई जाती है उन पर अधिक कर लगता है।
आलोचनाएँ
- आलोचकों का तर्क है कि इस निर्णय से नौकरशाही जटिलता बढ़ेगी और नागरिकों को असुविधा होगी।
- भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यन ने इस निर्णय की आलोचना की है। उनके अनुसार इससे कर राजस्व में न्यूनतम योगदान होगा, जबकि नागरिकों के लिए मामले जटिल हो जाएंगे।
- पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने तर्क दिया कि इस कदम से जटिलता और तर्कहीनता बढ़ेगी।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद् के बारे में
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- यह एक संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली के कार्यान्वयन को प्रबंधित एवं नियंत्रित करने के लिए की गई है।
- GST एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पूर्व में लगाए जाने वाले कई व्यापक कर समाहित हैं।
पृष्ठभूमि
- 122वें संविधान (संशोधन) विधेयक को अगस्त 2016 में राज्यसभा और लोकसभा दोनों द्वारा पारित किया गया।
- इस अधिनियम को 15 से अधिक राज्यों की स्वीकृति प्राप्त हुई तथा सितंबर 2016 में राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई ।
- 101वें संशोधन अधिनियम के लागू होने के 60 दिनों के भीतर संविधान के अनुच्छेद 279 ए के अनुसार, GST परिषद् का गठन किया जाना था ।
- GST परिषद् ने 22 और 23 सितंबर 2016 को अपनी पहली बैठक के बाद से अब तक 54 बैठकें की हैं।
GST परिषद् सचिवालय की स्थापना :
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 सितंबर 2016 को GST परिषद् की स्थापना और नई दिल्ली स्थित सचिवालय के निर्माण को मंजूरी दी ।
- सचिव (राजस्व) को GST परिषद् का पदेन सचिव नियुक्त किया जाता है ।
- केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के अध्यक्ष परिषद् की बैठकों में स्थायी आमंत्रित सदस्य (गैर-मतदान) होते हैं ।
- इसके अतिरिक्त, परिषद् के सचिवालय में इसके संचालन के प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सचिव और आयुक्त जैसे प्रमुख पद हैं।
GST परिषद् की संरचना (अनुच्छेद 279ए)
- संविधान के अनुच्छेद 279 ए(2) के अनुसार, जीएसटी परिषद् में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैं-
- केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष)
- केन्द्रीय वित्त या राजस्व राज्य मंत्री
- प्रत्येक राज्य के वित्त या कराधान मंत्री अथवा संबंधित राज्य सरकारों द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री
- ऐसे मामलों में जहां कोई राज्य राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) के अधीन है, राज्य का राज्यपाल एक प्रतिनिधि को नामित करता है।
GST परिषद् के कार्य (अनुच्छेद 279ए(4)
- परिषद् को GST से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों दोनों को सिफारिशें देने का काम सौंपा गया है, जैसे:
- कर योग्य या छूट प्राप्त वस्तुएं एवं सेवाएं
- आदर्श GST कानून और विनियम
- आपूर्ति का स्थान और सीमा सहित लेवी के सिद्धांत
- GST कर दरें, जिनमें न्यूनतम दरें, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान विशेष दरें और विशिष्ट राज्यों के लिए प्रावधान शामिल हैं।
- कृषि, सेवा या ई-कॉमर्स जैसे कुछ क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधान।
GST परिषद् में निर्णय लेने की प्रक्रिया :
- GST परिषद् मुख्य रूप से आम सहमति पर आधारित निर्णय लेने की प्रक्रिया पर काम करती है । हालाँकि, मतदान के मामलों में, वोटों का भार इस प्रकार होता है-
- केन्द्र सरकार : कुल मतों का 1/3.
- राज्य सरकारें : कुल मतों का 2/3.
- किसी प्रस्ताव को तभी स्वीकार किया जाता है जब पक्ष में पड़े कुल मतों की संख्या कुल डाले गए मतों का कम से कम 75% हो।
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