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परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए दिशानिर्देश

चर्चा में क्यों

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARCs) को मास्टर दिशानिर्देश जारी किया है, जो तनावग्रस्त वित्तीय परिसंपत्तियों के समाधान और वित्तीय प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है। 

भारतीय रिजर्व बैंक (परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां) दिशानिर्देश, 2024 

  • उद्देश्य :
    • ARCs के कार्य को विनियमित करना  
      • बैंकिंग क्षेत्र और समग्र वित्तीय प्रणाली में स्थिरता लाना 
      • RBI ने इन निर्देशों को वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (SARFAESI/ सरफेसी) अधिनियम, 2002 के तहत दी गई अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए जारी किया है।
  • मुख्य प्रावधान :
    • परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (ARC) का न्यूनतम शुद्ध स्वामित्व वाली निधि (NOF) को 100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए कर दिया गया है। 
    • वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करने के लिए ARC की कुल जोखिम-भारित परिसंपत्तियों (Risk-weighted Assets) का न्यूनतम 15% पूंजी पर्याप्तता अनुपात के रूप में बनाए रखना अनिवार्य किया गया है। 
    • ARCs किसी भी प्रकार की जमा राशि जनता से स्वीकार नहीं कर सकती हैं। इससे निवेशक हितों की सुरक्षा होगी।
    • ARCs को भूमि या भवन में सीधे निवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि, वे अपने स्वामित्व वाले फंड के अधिकतम 10% तक अपने उपयोग हेतु निवेश कर सकते हैं।
    • प्रतिभूतिकरण या परिसंपत्ति पुनर्निर्माण का व्यवसाय शुरू करने से पहले, एक एआरसी को पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा और आरबीआई से पंजीकरण प्रमाण-पत्र (COR) प्राप्त करना होगा।  
    • RBI के निर्देशों में ARC के शासन (Governance), जोखिम प्रबंधन (Risk Management), आंतरिक नियंत्रण (Internal Controls) आदि से संबंधित दिशा-निर्देश भी शामिल हैं।
    • नेतृत्व पदों के संबंध में, एमडी/सीईओ या डब्ल्यूटीडी की आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं और कार्यकाल  एक बार में पांच साल से अधिक नहीं होगा, अधिकतम कार्यकाल लगातार पंद्रह साल का होगा।

क्या हैं परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (ARCs)

  • ARCs विशेष वित्तीय संस्थान हैं, जो सरफेसी अधिनियम 2002 (SARFAESI Act, 2002) के तहत कार्य करते हैं और RBI के द्वारा पंजीकृत होते हैं।
  • परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ (ARC) एक वित्तीय संस्थान है जो बैंकों और वित्तीय संस्थानों से गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) या खराब संपत्ति खरीदती है, ताकि बैंकों का वित्तीय बोझ कम हो सकें।
  • केंद्रीय बजट 2021-22 में ARCs की स्थापना की घोषणा की गई थी।

ARCs कैसे काम करती हैं

  • ARCs मूल रूप से बैंकों से उनकी खराब परिसंपत्तियों को मामूली छूट (Discount) पर खरीद लेती हैं और फिर इन परिसंपत्तियों की रिकवरी करके मुनाफा कमाती हैं। यह रिकवरी कई तरीकों से की जा सकती है :
    • परिसंपत्ति का पुनर्गठन करना 
    • ऋण की बिक्री करना 
    • परिसंपत्ति की बिक्री करना 

ARCs का भारतीय वित्तीय प्रणाली में महत्व 

  • दबावग्रस्त परिसंपत्तियों का त्वरित समाधान 
  • NPA समस्या का समाधान
  • अशोध्य परिसंपत्तियों की बिक्री से बैंक की तरलता (Liquidity) में वृद्धि 
  • बैंकों की ऋण क्षमता में वृद्धि 
  • वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता में योगदान 

निष्कर्ष

  • RBI द्वारा जारी मास्टर निर्देश ARCs को सुदृढ़ करते हुए निवेशक हितों की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। 
  • ये निर्देश ARC को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे, जिससे समग्र वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी।
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