(प्रारंभिक परीक्षा: भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोकनीति, अधिकारों संबंधी मुद्दे इत्यादि) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय, शासन व्यवस्था, पारदर्शिता व जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष) |
संदर्भ
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों को उनके प्रचार अभियानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा निर्मित सामग्री का जिम्मेदार एवं पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव की अधिसूचना ज़ारी होने के साथ ही आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct : MCC) लागू हो गई।
ECI का हालिया दिशा-निर्देश
- ECI द्वारा जारी हालिया दिशा-निर्देशों में AI-जनरेटेड सामग्री के उपयोग के संबंध में लेबलिंग एवं प्रकटीकरण मानदंड प्रस्तुत किए गए हैं।
- इसके तहत दलों (पार्टियों) को AI तकनीकों के उपयोग से निर्मित या अत्यधिक परिवर्तित किसी भी छवि, वीडियो, ऑडियो या अन्य सामग्री को ‘AI-जनरेटेड’, ‘डिजिटल रूप से संवर्धित’ या ‘सिंथेटिक सामग्री’ जैसे नोटेशन के साथ स्पष्ट रूप से बताना (लेबल करना) होगा।
- इन दिशा-निर्देशों में राजनीतिक दलों से ‘ऑनलाइन या अन्य प्लेटफॉर्म पर प्रसारित प्रचार अभियान विज्ञापनों या प्रचार सामग्रियों, जहाँ भी सिंथेटिक सामग्री का उपयोग किया जाता है वहां अस्वीकरण (Disclaimer) शामिल करने का भी आग्रह किया गया है।
- दिल्ली पुलिस ने विधानसभा चुनाव के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।
- पिछले वर्ष लोकसभा चुनाव से पूर्व ECI ने राजनीतिक दलों एवं उनके प्रतिनिधियों द्वारा ‘डीप फेक’ और AI-जनरेटेड विकृत सामग्री के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।
क्या है आदर्श आचार संहिता
- ECI का MCC चुनाव से पहले राजनीतिक दलों एवं उम्मीदवारों को विनियमित करने के लिए जारी दिशानिर्देशों का एक समूह है।
- इन नियमों में भाषण, मतदान दिवस, मतदान केंद्र, पोर्टफोलियो, चुनाव घोषणापत्र की सामग्री, जुलूस एवं सामान्य आचरण से संबंधित मुद्दे शामिल हैं।
- इसका उद्देश्य स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराना है। MCC चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना ज़ारी होने से लेकर चुनाव परिणाम घोषित होने तक लागू रहती है।
आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत प्रतिबंध
- MCC में सामान्य आचरण, बैठक, जुलूस, मतदान दिवस, मतदान केंद्र, पर्यवेक्षक, सत्ता दल एवं चुनाव घोषणापत्र से संबंधित आठ प्रावधान हैं।
- सत्ता दल
- आचार संहिता लागू होने के पश्चात केंद्र अथवा राज्य के सत्ता दल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह प्रचार के लिए अपनी आधिकारिक स्थिति का उपयोग न करे।
- सत्ता दल द्वारा ऐसी किसी नीति, परियोजना या योजना की घोषणा नहीं की जा सकती है जो मतदान व्यवहार को प्रभावित कर सके।
- सत्ताधारी दल को चुनावों में जीत की संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकारी खजाने से विज्ञापन देने या उपलब्धियों के प्रचार के लिए आधिकारिक जन मीडिया का उपयोग करने से भी बचना चाहिए।
- मंत्रियों को आधिकारिक दौरों को चुनाव कार्य के साथ नहीं जोड़ना चाहिए या इसके लिए आधिकारिक मशीनरी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- सत्तारूढ़ दल प्रचार के लिए सरकारी परिवहन या मशीनरी का उपयोग नहीं कर सकता है।
- चुनावी बैठकें आयोजित करने के लिए मैदान आदि जैसे सार्वजनिक स्थान और हेलीपैड के उपयोग जैसी सुविधाएं विपक्षी दलों को उन्हीं नियमों व शर्तों के आधार पर प्रदान की जाती हैं जिनका उपयोग सत्ताधारी दल द्वारा किया जाता है।
- सत्तारूढ़ दल सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों आदि में मतदाताओं को प्रभावित करने वाली कोई तदर्थ नियुक्ति नहीं कर सकती है।
- राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों की आलोचना केवल उनके कार्य रिकॉर्ड के आधार पर की जा सकती है।
- मतदाताओं को लुभाने के लिए किसी जाति एवं सांप्रदायिक भावनाओं का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
- चुनाव प्रचार के लिए मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या किसी अन्य पूजा स्थल का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- मतदाताओं को रिश्वत देना, डराना-धमकाना या उनका प्रतिरूपण भी वर्जित है।
- मतदान समाप्ति के लिए निर्धारित समय से पहले 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक बैठकें आयोजित करना भी प्रतिबंधित है।
- इस 48 घंटे की अवधि को ‘चुनावी चुप्पी’ के रूप में जाना जाता है। इसका उद्देश्य मतदाता को वोट डालने से पहले विचार के लिए प्रचार अभियान-मुक्त वातावरण प्रदान करना है।
आदर्श आचार संहिता की वैधानिक स्थति
- एम.सी.सी. स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के ई.सी.आई. के अभियान के हिस्से के रूप में विकसित हुआ।
- यह प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति का परिणाम था। इसका कोई वैधानिक आधार नहीं है।
- ऐसे में एम.सी.सी. का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ एम.सी.सी. के किसी भी खंड के तहत कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती है। हालाँकि, दोषी पाए गए व्यक्ति के प्रचार अभियान पर कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
आदर्श आचार संहिता का क्रियान्वयन
- एम.सी.सी. के सभी प्रावधान स्वैच्छिक है। निर्वाचन आयोग इनके प्रवर्तन के लिए नैतिक प्रतिबंध या निंदा का उपयोग करता है।
- ई.सी.आई. किसी राजनेता या दल को एम.सी.सी. के कथित उल्लंघन के लिए स्वत: संज्ञान या किसी अन्य दल या व्यक्ति की शिकायत के आधार पर नोटिस जारी कर सकता है।
- एक बार नोटिस जारी होने के बाद व्यक्ति या पार्टी को लिखित रूप में जवाब देना होगा।
- ऐसे में व्यक्ति या दल गलती स्वीकार कर बिना शर्त माफी मांग सकता है या आरोप का खंडन कर सकता है।
- कालांतर में दोषी पाए जाने पर निर्वाचन आयोग उस व्यक्ति या दल को निंदा पत्र दे सकता है।