महाराष्ट्र में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) से पहली संदिग्ध मौत दर्ज की गई।
गुलियन-बैरे सिंड्रोम के बारे में
- क्या है : गुलियन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ स्वप्रतिरक्षी रोग (Autoimmune Disease) की स्थिति है जिसमें मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उसकी स्वयं की तंत्रिकाओं पर हमला करती है।
- इस प्रणाली से संबंधित स्वास्थ्य समस्या को ‘डिसऑटोनोमिया’ कहा जाता है।
- डिसऑटोनोमिया एक तंत्रिका तंत्र विकार है जो स्वायत्त शारीरिक गतिविधियों, जैसे- रक्तचाप एवं हृदय गति को बाधित करता है।
- नामकरण : इसका नाम गुलियन, बैरे एवं स्ट्रोहल के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने वर्ष 1916 में पहली बार इसकी सूचना दी थी।
- विकास : यह कुछ दिनों या कई हफ्तों में विकसित हो सकता है।
- प्रभाव : इससे मांसपेशियों में कमजोरी आती है जो पक्षाघात में बदल सकती है।
- रूग्णता दर : अनुमानत: प्रति 100,000 आबादी में ½ लोगों के प्रभावित होने की संभावना होती है।
गुलियन-बैरे सिंड्रोम के प्रमुख लक्षण
- अंगुलियों, कलाईयों में सुई चुभने जैसा अहसास होना
- चाल में अस्थिरता या सीढ़ियाँ चढ़ने में असमर्थ होना
- बोलने, चबाने या निगलने सहित चेहरे की गतिविधियों में परेशानी होना
- दोहरी दृष्टि या आंखें हिलाने में असमर्थता
- मूत्राशय पर नियंत्रण में समस्या या आंत्र के कार्य में परेशानी
- निम्न या उच्च रक्तचाप
- साँस लेने में समस्या
गुलियन-बैरे सिंड्रोम के प्रमुख कारण
- कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया
- इन्फ्लूएंजा वायरस
- ज़ीका वायरस
- हेपेटाइटिस A, B, C एवं E
- एच.आई.वी.
- माइकोप्लाज्मा निमोनिया
- हॉजकिन लिंफोमा इत्यादि
- कोविड-19 वायरस
प्रमुख इम्यूनोथेरेपी उपचार
- प्लास्मफेरेसिस (Plasmapheresis) : यह रक्त परिसंचरण से रक्त प्लाज्मा या उसके घटकों को हटाने, उपचार करने एवं वापस डालने या विनिमय करने की प्रक्रिया है।
- इम्युनोग्लोबुलिन थेरेपी (Immunoglobulin Therapy) : इसमें पीड़ित व्यक्ति के रक्त में एंटीबॉडी (सामान्य मानव इम्युनोग्लोबुलिन) के मिश्रण का प्रयोग किया जाता है।
क्या आप जानते हैं?
- पेरू में गुलियन-बैरे सिंड्रोम से निपटने के लिए वर्ष 2023 में स्वास्थ्य आपातकाल लगाना पड़ा था।
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की मौत भी गुलियन-बैरे सिंड्रोम से हुई थी।
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