हाल ही में,गुजरात की सांस्कृतिक हस्तशिल्प विरासत घरचोला को GI टैग मिला है।
हैंडीक्राफ्ट सेक्टर में गुजरात को मिलने वाला यह 23वां GI टैग है।
घरचोला
घरचोला का मतलब होता है,घर पर पहना जाने वाला कपड़ा।
यहां घर असल में दुल्हन का नया घर माना जाता है,
चोला वह कपड़ा है जिसे पहनकर वह उस घर में प्रवेश करती है।
घरचोला साड़ी गुजराती शादियों का बहुत खास हिस्सा है।
यह कॉटन या सिल्क से बनाया जाता है।
इस पर जरी का काम किया जाता है और मोर,कमल, फूल पत्तियों की आकृतियां बनाई जाती हैं।
घरचोला बनाने की शुरुआत गुजरात के खंभात जिले से हुई थी।
इस साड़ी की पहचान इसके ग्रिड पैटर्न से की जाती है।
यह साड़ियां पारंपरिक रूप से हिंदू और जैन समुदायों में विवाह जैसे शुभ अवसरों पर पहनी जाती हैं।
भौगोलिक संकेतक (GI टैग)
GI टैग मुख्य रूप से ऐसी कृषि संबंधी, प्राकृतिक या विनिर्मित्त वस्तुओं को दिया जाता है, जिनमें अनूठे गुण, ख्याति या इसके भौगोलिक उद्भव के कारण जुड़ी अन्य लक्षणगत विशेषताएं होती है।
यह एक प्रकार का बौद्धिक संपदा अधिकार होता है
भारत में, GI टैग के पंजीकरण को ‘वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 द्वारा विनियमित किया जाता है।
GI टैग भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री द्वारा दिया जाता है, इसका मुख्यालय चेन्नई में है।
इसका पंजीकरण 10 वर्ष के लिए मान्य होता है तथा 10 वर्ष बाद पंजीकरण का फिर से नवीनीकरण कराया जा सकता है।
प्रश्न- हाल ही में घरचोला को GI टैग प्रदान किया गया है, यह किस राज्य से संबंधित है?