चर्चा में क्यों?
हाल ही में, जम्मू और कश्मीर सरकार ने गुलमर्ग व सोनमर्ग घाटी के लगभग 70 हेक्टेयर भूमि को ‘रणनीतिक क्षेत्र’ घोषित किया है। इससे सशस्त्र बलों के लिये इन भूमि पर नियंत्रण करने का मार्ग प्रशस्त हो गया हैं।
मुख्य बिंदु
- गुलमर्ग क्षेत्र बारामूला ज़िले में, जबकि सोनमर्ग क्षेत्र गांदरबल ज़िले में स्थित हैं।
- इस अधिग्रहण को जुलाई 2020 से भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास अधिनियम, (एल.ए.आर.आर.ए) 2013 के अंतर्गत लागू किया गया है।
रणनीतिक क्षेत्र को अधिसूचित करने का अधिकार
- जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल से भवन संचालन अधिनियम, 1988 और जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम, 1970 में संशोधन की मंजूरी के पश्चात सरकार सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग के लिये ‘रणनीतिक क्षेत्रों’ को अधिसूचित कर सकती हैं और ‘विशेष व्यवस्था’ के माध्यम से निर्माण को विनियमित कर सकती हैं ।
- यह संशोधनों सशस्त्र बल को पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्रों में भी बुनियादी ढाँचे का विकास करने की मंजूरी देता हैं। साथ ही, पर्यटन क्षेत्रों को रणनीतिक क्षेत्र आवंटन से स्थानीय लोगों के रोज़गार व आवास की समस्या आएगी।