New
IAS Foundation Course (Pre. + Mains) - Delhi: 20 Jan, 11:30 AM | Prayagraj: 5 Jan, 10:30 AM | Call: 9555124124

गन, जर्म्स और स्टील संकट

(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: स्वास्थ्य/ प्रश्नपत्र- 3: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से सम्बंधित विषय)

भूमिका

वर्तमान समय में, भारत गन, जर्म्स और स्टील संकट के दौर से गुज़र रहा है। ज्ञातव्य है की यह पद प्रसिद्ध विद्वान जेरेड डायमंड की क्लासिकल पुस्तक ‘गन जर्म्स एंड स्टील: द फेट्स ऑफ़ ह्यूमन सोसाइटीज़’ से लिया गया है।

भारत के संदर्भ में इन शब्दों का अर्थ

  • गन या बंदूक का अर्थ है सीमा पर गतिरोध और चीन के साथ युद्ध की स्थिति। जर्म्स का सम्बंध वर्तमान में चल रही कोविड-19 महामारी एवं स्टील संकट से तात्पर्य स्टील विनिर्माण और अन्य उद्योगों के दिवालियापन की स्थिति।
  • इस समय भारत सैन्य, स्वास्थ्य और आर्थिक संकटों का सामना एक साथ कर रहा है। ये संकट समग्र रूप से भावी पीढ़ियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इन सभी संकटों के समाधान हेतु पृथक रूप से विशेष उपाय किये जाने की आवश्यकता है।

भारत की रणनीति

  • चीन के साथ सैन्य खतरे से निपटने हेतु भारत की रक्षा तथा विदेशी मामलों से सम्बंधित एजेंसियों द्वारा तत्काल आवश्यक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
  • कोरोना महामारी को नियंत्रित करने हेतु स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन और अन्य सम्बंधित मंत्रालयों द्वारा समन्वित रूप से प्रयास किये जाने की ज़रुरत है।
  • उपरोक्त दोनों चुनौतियों के अलावा आर्थिक महामारी के रूप में एक व्यापक समस्या भारत के समक्ष है। इससे निपटने के लिये दीर्घकालिक परिणामोन्मुख नीतियों की आवश्यकता है।
  • भारत को पड़ोसी शक्ति के साथ सैन्य खतरे से निपटने के लिये बड़े स्तर पर वित्तीय संसाधनों की ज़रुरत है। भारत कारगिल युद्ध के दौरान वित्तीय संसाधनों की ज़रुरत को महसूस कर चुका है।
  • कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था के चार स्तंभों जनता द्वारा उपभोग पर व्यय, सरकारी खर्च, निवेश और बाहरी व्यापार में गिरावट देखने को मिली है। इनमें से जनता द्वारा उपभोग पर व्यय न किये जाने से अर्थव्यवस्था पर सबसे नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
  • इन सभी संकटों से समग्र रूप से निपटने के लिये सरकार को सम्भावित नए राजस्व स्त्रोतों पर विचार करना होगा।
  • इन खतरों और बाधाओं से उबरने हेतु सरकार को व्यापक स्तर पर ऋण की आवश्यकता होगी, किंतु बढ़ते कर्ज के स्तर से अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारत की निवेश रेटिंग में गिरावट का खतरा बना हुआ है। अतः इन कठिन परिस्थितियों में भारत को वित्तीय संसाधनों को एकत्र करने पर ज़ोर देना होगा।

अन्य सुझाव

  • वित्तीय संसाधनों की कमी से निपटने के लिये एक तर्क यह भी है कि सरकार की आवश्यकतानुसार रिज़र्व बैंक द्वारा नोटों की छपाई की जाए लेकिन इसके साथ-साथ मुद्रास्फीति को भी ध्यान में रखा जाना चाहिये।
  • इस वर्ष बेहतर कृषि प्रदर्शन के बावजूद कम उपभोग व्यय के चलते अर्थव्यवस्था में संकुचन की स्थिति बनी हुई है।
  • केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई ज़ारी रखने के लिये भारत को स्वास्थ्य व्यय पर सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में वृद्धि की जानी चाहिये।
  • वर्तमान समय में भारत एक ऐसी दुविधा का सामना कर रहा है जहाँ एक तरफ सीमा सुरक्षा, नागरिकों की देखभाल और आर्थिक मंदी का संकट है तो वहीं दूसरी तरफ अत्यधिक ऋण के बोझ से भारत की क्रेडिट रेटिंग के कम होने से विदेशी निवेश में गिरावट का खतरा बना हुआ है।

निष्कर्ष

हालाँकि, आज भारत एक-साथ कई संकटों का सामना कर रहा है परंतु सीमा, स्वास्थ्य और आर्थिक चुनौतियों से लड़ने में भारत पूरी तरह से सक्षम है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसे किसी भी प्रकार की कठिन परिस्थितियों से निपटने हेतु अपनी सम्प्रभुता के साथ समझौता नहीं करना चाहिये, ताकि भावी पीढियाँ स्वंतत्र, गर्व और भयमुक्त जीवन जी सकें।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR