स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में जून माह के अंत तक भारत में इन्फ्लूएंजा ए (H1N1) से हुई मौतों में से पंजाब, गुजरात और हरियाणा में सबसे अधिक मौतें दर्ज की गई हैं, जबकि दिल्ली, गुजरात और राजस्थान में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, देश में अब तक 7,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
H1N1 वायरस के बारे में
- H1N1 फ्लू को स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है। यह इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक प्रकार है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2009 में H1N1 फ्लू को महामारी घोषित किया था। वर्ष 2009-10 में इस वायरस के कारण दुनिया भर में लगभग 284,400 मौतें हुईं।
- अगस्त 2010 में WHO ने इस महामारी की समाप्ति की घोषणा की।
- हालाँकि, महामारी के दौरान सामने आया H1N1 फ्लू स्ट्रेन मौसमी फ्लू का कारण बनने वाले स्ट्रेन में से एक बन गया, जो वर्तमान में भारत में होने वाली मौतों का कारण है।
संक्रमण काल
- संक्रमण से बीमारी तक का समय लगभग एक से चार दिनों तक होता है। इसे ऊष्मायन अवधि (Incubation Period) के रूप में जाना जाता है।
- इसके लक्षण संक्रमण के एक से चार दिन बाद शुरू होते हैं और आमतौर पर लगभग एक सप्ताह तक चलते हैं।
कारण
- H1N1 जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं। यह वायरस वायु के माध्यम से फैलता है।
- यह शरीर में तब भी प्रवेश कर सकता है जब मनुष्य किसी दूषित सतह को छूने के बाद अपनी आँखें, नाक या मुँह को छूते हैं।भाव
- हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा के लगभग एक अरब मामले होते हैं, जिनमें गंभीर बीमारी के तीन से पांच मिलियन मामले शामिल हैं, और यह हर साल 2,90,000 से 6,50,000 श्वसन मृत्यु का कारण बनता है।
- पांच साल से कम उम्र के बच्चों में इन्फ्लूएंजा से संबंधित निचले श्वसन पथ के संक्रमण से होने वाली लगभग 99% मौतें विकासशील देशों में होती हैं।
उपचार
- मौसमी फ्लू का टीका अब H1N1 फ्लू और अन्य मौसमी फ्लू वायरस से बचाव में मदद कर सकता है।
बचाव
- अपने हाथों को बार-बार धोना।
- खांसते और छींकते समय मुंह को ढकना।
- अपने चेहरे को छूने से बचना।
- वायरस के संपर्क से बचना।