चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत के हल्दीबाड़ी (प. बंगाल) और बांग्लादेश के चिल्हाटी के बीच एक रेलवे सम्पर्क के पुनर्निर्माण का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में भारत और बांग्लादेश के बीच 4 परिचालन रेल सम्पर्क हैं, जिनमें पेट्रापोल (भारत) - बेनापोल (बांग्लादेश), गेदे (भारत) - दर्शन (बांग्लादेश), सिंघाबाद (भारत) -रोहनापुर (बांग्लादेश), राधिकापुर (भारत) –बिरोल (बांग्लादेश) हैं। इनके साथ ही अब हल्दीबाड़ी - चिल्हाटी रेल सम्पर्क को भी पुनः शुरु कर दिया गया है, जो दोनों देशों के बीच 5वीं रेल सम्पर्क सेवा बन गई है।
- ध्यातव्य है कि हल्दीबाड़ी - चिल्हाटी रेल सम्पर्क सेवा वर्ष 1965 तक चालू थी। यह विभाजन के दौरान कोलकाता से सिलीगुड़ी तक ब्रॉड गेज मुख्य मार्ग का हिस्सा थी।
- हालाँकि विभाजन के बाद भी असम और उत्तरी बंगाल जाने वाली ट्रेनें तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान क्षेत्र से होकर गुज़रती रहीं। लेकिन वर्ष 1965 के युद्ध में भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच सभी रेलवे सम्पर्क सेवाएँ पूरी तरह से ठप्प हो गईं।
- वर्ष 2015 में इस पूर्ववर्ती रेल सम्पर्क को फिर से खोलने के लिये हल्दीबाड़ी स्टेशन से चिल्हाटी तक 82.72 करोड़ रुपए की लागत से 3.50 किमी. लम्बी एक नई ब्राड गेज लाइन के निर्माण को मंजूरी दी गई थी।
- हल्दीबाड़ी -चिल्हाटी रेल मार्ग से असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में पारगमन में आसानी होगी। यह रेल सम्पर्क लाइन क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देगी तथा क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिये मुख्य बंदरगाहों तक रेल नेटवर्क की पहुँच को बढ़ाएगी।