संदर्भ
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी जून की मौद्रिक नीति में दरों को 5.25-5.50% पर बनाए रखा है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की कार्रवाई भी मुद्रास्फीति के उछाल नियंत्रित करने के आर.बी.आई. के आक्रामक (Hawkish) रुख के समान है।
आधार |
हॉकिश आर्थिक नीति |
डोविश आर्थिक नीति |
मुख्य फोकस |
हॉकिश मौद्रिक नीति अपने प्राथमिक उद्देश्य के रूप में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने पर जोर देती है। इसका लक्ष्य मुद्रास्फीति के स्तर को कम और लक्ष्य सीमा के भीतर रखकर मूल्य स्थिरता बनाए रखना है। |
डोविश मौद्रिक नीति आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और बेरोजगारी को कम करने को प्राथमिकता देती है। यह आर्थिक विस्तार और रोजगार सृजन का समर्थन करने के लिए अल्पावधि में उच्च मुद्रास्फीति के प्रति अधिक उदार है। |
ब्याज दर |
इसमें आमतौर पर उधार लेने और खर्च पर अंकुश लगाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की जाती है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव को कम करने में मदद मिलती है। उच्च ब्याज दरें उधार को अधिक महंगा बना देती हैं, जिससे व्यवसाय और उपभोक्ता अत्यधिक ऋण लेने से हतोत्साहित होते हैं। |
इसमें आम तौर पर उधार लेने और खर्च को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दरों को कम करना शामिल होता है। कम ब्याज दरें उधार को सस्ता बनाती हैं, व्यापार निवेश और उपभोक्ता खर्च को प्रोत्साहित करती हैं। |
मुद्रा आपूर्ति |
हॉकिश नीति मुद्रा की आपूर्ति को कम करती है या उसकी वृद्धि को सीमित करती है। इसके लिए केंद्रीय बैंक सरकारी प्रतिभूतियों को बेचते हैं या बैंकों आरक्षित आवश्यकताओं को कठोर करते हैं। |
डोविश नीति में सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने या बैंकों के लिए आरक्षित आवश्यकताओं को कम करने जैसे उपायों के माध्यम से धन आपूर्ति में विस्तार किया जाता है। |
आर्थिक प्रभाव |
ब्याज दरें बढ़ाने और ऋण सीमित करने से अल्पावधि में उपभोक्ता व्यय और निवेश में कमी आ सकती है जिससे आर्थिक गतिविधियाँ मंद हो सकती हैं। |
यह उधार, निवेश और व्यय को प्रोत्साहित करता है, जिससे अल्पावधि में आर्थिक विकास में वृद्धि की अधिक संभावना होती है। हालाँकि, यदि सावधानीपूर्वक प्रबंधन नहीं किया गया तो उच्च मुद्रास्फीति का जोखिम है। |