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हीट एक्शन प्लान में दीर्घकालिक रणनीतियों की आवश्यकता

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 एवं 3 : प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन)

संदर्भ 

एक नए अध्ययन के अनुसार, कई भारतीय शहरों द्वारा प्रस्तुत अधिकांश ताप कार्रवाई कार्ययोजना (Heat Action Plans :HAPs) में अत्यधिक गर्मी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों का अभाव है। साथ ही, जिन शहरों में ऐसी रणनीतियाँ हैं उन्हें प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया गया है।

अध्ययन के बारे में 

  • शीर्षक : ‘क्या भारत गर्म होती दुनिया के लिए तैयार है? भारत के कुछ सबसे जोखिम वाले शहरों में 11% शहरी आबादी के लिए गर्मी से निपटने के उपाय कैसे लागू किए जा रहे हैं’
  • जारीकर्ता : नई दिल्ली स्थित शोध संगठन ‘सस्टेनेबल फ्यूचर्स कोलैबोरेटिव (SFC)’
  • शामिल शहर : अध्ययन में विश्लेषण के लिए 1 मिलियन से अधिक आबादी वाले ऐसे शहरों की पहचान की गयी है जहाँ ताप सूचकांक मूल्यों में सर्वाधिक वृद्धि होने की संभावना है।  
    • इनमें बेंगलुरु, दिल्ली, फरीदाबाद, ग्वालियर, कोटा, लुधियाना, मेरठ, मुंबई एवं सूरत जैसे शहर शामिल थे।

प्रमुख निष्कर्ष 

  • विश्लेषण के अनुसार यद्यपि इन शहरों में अल्पकालिक आपातकालीन उपाय थे किंतु दीर्घकालिक उपाय या तो पूरी तरह से अनुपस्थित थे या उनका प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो रहा था।  
  • शहरों में शहरी छाया एवं हरित आवरण का विस्तार तथा खुले स्थानों का निर्माण जैसे कार्य कार्यान्वित किए जा रहे हैं किंतु ऐसे प्रमुख क्षेत्रों एवं आबादी पर ध्यान नहीं दिया गया है जहाँ गर्मी का खतरा सर्वाधिक रहता है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, शहरों में लागू की जा रही दीर्घकालिक रणनीतियाँ रोकथाम पर केंद्रित न होकर मुख्यत: स्वास्थ्य प्रणाली तक केंद्रित हैं।  
  • अध्ययन में दीर्घकालिक कार्रवाइयों को लागू करने के लिए अधिक धन की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। संस्थागत बाधाएं दीर्घकालिक कार्रवाई की संभावनाओं को सीमित करती हैं।
    • इन बाधाओं में सरकारी विभागों के बीच स्थानीय समन्वय की कमी है जिनमें नगरपालिका, जिला एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभाग आदि शामिल थे।  
  • रिपोर्ट के अनुसार नियोजन में इस तरह के अंतराल के परिणामस्वरूप आगामी वर्षों में अधिक, निरंतर, तीव्र एवं लंबे समय तक जारी रहने वाली हीटवेव के कारण गर्मी से संबंधित मौतों की संख्या बढ़ सकती है।

हीट एक्शन प्लान (HAP) के बारे में 

  • क्या है : हीट एक्शन प्लान देश भर में हीटवेव की गंभीरता एवं आवृत्ति बढ़ने की घटनाओं के लिए एक पूर्व चेतावनी प्रणाली व तैयारी योजना है।
  • उद्देश्य : HAP का उद्देश्य हीटवेव के लिए तैयारी, समाधान एवं उससे उबरने के लिए रणनीतियों व उपायों की रूपरेखा तैयार करके तैयारी को बढ़ाना और अत्यधिक गर्मी के प्रतिकूल प्रभावों को कम करना है।
  • आवश्यकता : सरकारी आँकड़ों के अनुसार देश में हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या वर्ष 2020 में 530 से बढ़कर वर्ष 2022 में 730 हो गई।
    • गैर-लाभकारी संगठन हीटवॉच की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में मार्च से जून के बीच भारत के 17 राज्यों में हीटस्ट्रोक के कारण लगभग 733 मौतें हुई हैं। 
  • वर्तमान स्थिति : सरकारी दस्तावेजों के अनुसार HAP में संवेदनशील आबादी पर अत्यधिक गर्मी के स्वास्थ्य प्रभावों को कम करने के लिए तैयारी, सूचना-साझाकरण एवं प्रतिक्रिया समन्वय बढ़ाने के लिए तत्काल व दीर्घकालिक कार्रवाई प्रस्तुत की गई है।
    • वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) राज्य प्राधिकरणों के सहयोग से हीटवेव की स्थिति से प्रभावित 23 राज्यों में एच.ए.पी. को लागू कर रहा है।

हीट एक्शन प्लान में शामिल घटक 

अल्पकालिक उपाय

  • हीटवेव के बारे में जनता व संबंधित अधिकारियों को सचेत करने के लिए पूर्वानुमान एवं प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों का उपयोग करना
  • हीटवेव से जुड़े जोखिमों के बारे में अभियानों के माध्यम से जनता को शिक्षित करना
  • हीट शेल्टर एवं कूलिंग सेंटर स्थापित करना और स्वच्छ पेय प्रदान करने जैसे उपायों का संयोजन
  • निर्जलीकरण से बचने के लिए जल की उपलब्धता एवं उसका उपयोग बढ़ाना
  • अस्पतालों में आपूर्ति सुनिश्चित करने, पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों को गर्मी से प्रभावित रोगियों की पहचान करने और उनका उपचार करने का निर्देश

दीर्घकालिक उपाय

  • वृक्षारोपण को बढ़ावा देने वाली शहरी नियोजन रणनीतियों को अपनाना
  • शहरी ताप द्वीप (Heat Island) प्रभाव को कम करने के लिए ऊष्मा प्रतिरोधी निर्माण सामग्री का उपयोग करना 
  • सौर अवशोषण को कम करने के लिए शीतल छत प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना
  • सरकारी एजेंसियों, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, सामुदायिक संगठनों एवं आपातकालीन सेवाओं सहित हितधारकों के बीच प्रभावी समन्वय पर जोर देना
  • इसके अलावा अध्ययन में अन्य दीर्घकालिक उपायों, जैसे- सर्वाधिक गर्मी के संपर्क में आने वाले लोगों के लिए घरेलू या व्यावसायिक शीतलन उपलब्ध कराना, काम छूटने के लिए बीमा कवर विकसित करना, हीटवेव के लिए अग्नि प्रबंधन सेवाओं का विस्तार करना और ट्रांसमिशन विश्वसनीयता व वितरण सुरक्षा में सुधार के लिए बिजली ग्रिड रेट्रोफिट्स आदि का सुझाव दिया गया है।
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