प्रारंभिक परीक्षा – रक्तवर्णकता (Hemochromatosis) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
हेमोक्रोमैटोसिस एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है जो अत्यधिक आयरन के सेवन के कारण हो सकता है जिसके कारण विभिन्न अंगों में शिथिलता आ सकती है।
प्रमुख बिंदु
- हेमोक्रोमैटोसिस के दो मुख्य प्रकार हैं: वंशानुगत हेमोक्रोमैटोसिस और द्वितीयक हेमोक्रोमैटोसिस।
हेमोक्रोमैटोसिस :
- वंशानुगत हेमोक्रोमैटोसिस( Hereditary Hemochromatosis): यह आनुवंशिक विकार एचएफई जीन (HFE gene) में उत्परिवर्तन के कारण होता है
- इसमे शरीर व्यक्ति के आहार से अत्यधिक आयरन को अवशोषित करता है।
- इसमे शरीर की आयरन सेवन को नियंत्रित करने की प्राकृतिक क्षमता घट जाती है
- वंशानुगत हेमोक्रोमैटोसिस वाले लोग में धीरे-धीरे आयरन जमा होता रहता है जिससे समय के साथ स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं।
- इसके कारण आयरन लीवर, हृदय और अग्न्याशय जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है जिससे सिरोसिस, हृदय घात, मधुमेह और गठिया हो सकता है।
- द्वितीयक हेमोक्रोमैटोसिस (Secondary Hemochromatosis): आमतौर पर बाहरी कारकों जैसे बार-बार रक्त आधान, अत्यधिक आयरन अनुपूरण या कुछ चिकित्सीय स्थितियों के कारण होता है।
- द्वितीयक हेमोक्रोमैटोसिस में आयरन का संचय अधिक तेजी से हो सकता है और अंग की शिथिलता का कारण भी बन सकता है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- हेमोक्रोमैटोसिस एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है।
- द्वितीयक हेमोक्रोमैटोसिस में आयरन का संचय अधिक तेजी से हो सकता है और अंग की शिथिलता का कारण भी बन सकता है।
- हेमोक्रोमैटोसिस अत्यधिक आयरन के सेवन के कारण हो सकता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : दुर्लभ आनुवंशिक विकार से क्या अभिप्राय है? हेमोक्रोमैटोसिस नामक विकार के प्रमुख अभिलक्षणों उल्लेख का कीजिए।
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स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स