चर्चा में क्यों ?
- हेराथ पोश्ते: कश्मीरी पंडितों के पवित्र पर्व पर पीएम मोदी की शुभकामनाएं
प्रमुख बिंदु :-
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कश्मीरी पंडितों के सबसे बड़े त्योहार हेराथ की शुभकामनाएं दीं।
- प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर लिखा, "हेराथ पोश्ते! यह त्योहार कश्मीरी पंडित बहनों और भाइयों की जीवंत संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
- इस शुभ अवसर पर, मैं सभी के लिए सद्भाव, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं।"
हेराथ क्या है?
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- हेराथ, जिसे ‘हर रात्रि’ या ‘शिव रात्रि’ भी कहा जाता है, कश्मीरी पंडितों का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है।
- यह फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर फरवरी और मार्च के बीच आता है।
- यह पर्व भगवान शंकर और माता पार्वती के पावन मिलन का प्रतीक माना जाता है।
विस्थापन के बाद भी कायम रही परंपरा
- वर्ष -1990 में कश्मीर से बड़े पैमाने पर पलायन करने के बावजूद कश्मीरी पंडितों ने अपनी सांस्कृतिक जड़ों को बनाए रखा और हेराथ पर्व को पूरी श्रद्धा के साथ मनाते रहे।
- यह पर्व आज भी कश्मीरी पंडित समुदाय की सांस्कृतिक विरासत और उनकी धार्मिक आस्था को दर्शाता है।
हेराथ पूजा का महत्व और परंपराएं
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- हेराथ पर्व पर कश्मीरी पंडित परिवारों में शिव-पार्वती और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
- इस अवसर पर पारंपरिक व्यंजनों का भोग लगाया जाता है और पूरे परिवार के साथ मिलकर व्रत-उपवास रखा जाता है।
हेराथ: केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि पहचान का प्रतीक
- हेराथ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि कश्मीरी पंडितों की संस्कृति, परंपरा और धार्मिक अस्मिता का प्रतीक है।
- यह पर्व न केवल शिव भक्ति और आध्यात्मिकता का संदेश देता है, बल्कि समुदाय की एकता और अटूट आस्था को भी दर्शाता है।
- देश-विदेश में बसे कश्मीरी पंडित आज भी इसे पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाते हैं।
खीर भवानी मंदिर: कश्मीरी पंडितों की आस्था का केंद्र
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- कश्मीरी पंडितों की मान्यता के अनुसार, उनकी कुल देवी का प्रसिद्ध मंदिर खीर भवानी मंदिर है, जो ज्येष्ठ माह की अष्टमी को भव्य मेले के लिए प्रसिद्ध है।
- इस मंदिर में देवी दुर्गा को खीर का भोग अर्पित किया जाता है, जिससे इसका नाम "खीर भवानी" पड़ा।
- स्थानीय लोग इस मंदिर को महारज्ञा देवी, राज्ञा देवी मंदिर , रजनी देवी मंदिर और राज्ञा भवानी मंदिर के नाम से भी बुलाते हैं.
रहस्यमयी जलकुंड: संकट का पूर्व संकेत?
खीर भवानी मंदिर में स्थित एक जलकुंड को अत्यंत चमत्कारी माना जाता है। कहा जाता है कि जब भी कश्मीर में कोई बड़ा संकट आने वाला होता है, तब इस कुंड का पानी काला पड़ जाता है। उदाहरण के लिए, 2014 की कश्मीर बाढ़ से पहले इस कुंड का पानी काला हो गया था।