
- वंशानुगत मानव जीनोम संपादन (Heritable Human Genome Editing - HHGE) उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसमें मानव के जर्मलाइन कोशिकाओं—जैसे कि अंडाणु (Eggs), शुक्राणु (Sperm) या भ्रूण (Embryos)—के आनुवंशिक पदार्थ (Genetic Material) को इस तरह बदला जाता है कि ये परिवर्तन आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचते हैं।
- यह उभरता हुआ जैव-प्रौद्योगिकी क्षेत्र CRISPR-Cas9, TALENs (Transcription Activator-Like Effector Nucleases), और बेस एडिटिंग जैसी अत्याधुनिक जीन-संपादन तकनीकों (Gene-Editing Technologies) पर आधारित है।
- हालांकि, HHGE आनुवंशिक रोगों को रोकने और मानव स्वास्थ्य में सुधार की अपार संभावनाएँ प्रस्तुत करता है, लेकिन इसके साथ कई नैतिक, कानूनी और सामाजिक चिंताएँ भी जुड़ी हुई हैं।
- इनमें सुरक्षा जोखिम, सामाजिक असमानता और "डिज़ाइनर बेबीज़" (Designer Babies) जैसी विवादास्पद अवधारणाएँ शामिल हैं।
HHGE का वैज्ञानिक आधार

- वंशानुगत जीनोम संपादन द्वारा डीएनए (DNA) को जर्मलाइन कोशिकाओं या प्रारंभिक भ्रूण स्तर पर संशोधित किया जाता है।
- ये परिवर्तन व्यक्ति के पूरे जीवनकाल में मौजूद रहते हैं और अगली पीढ़ियों को भी प्रभावित करते हैं।
HHGE में उपयोग की जाने वाली प्रमुख जीन-संपादन तकनीकें
- CRISPR-Cas9: अत्यधिक सटीक तकनीक जो वैज्ञानिकों को DNA अनुक्रम को काटने और संपादित करने की अनुमति देती है।
- TALENs: DNA में अत्यधिक विशिष्ट संशोधन करने की एक अन्य जीन-संपादन विधि।
- बेस एडिटिंग और प्राइम एडिटिंग: DNA के दोहरे स्ट्रैंड को तोड़े बिना, सटीक न्यूक्लियोटाइड (नाइट्रोजन बेस) परिवर्तनों को सक्षम करने वाली उन्नत तकनीकें।
HHGE का प्राथमिक उद्देश्य आनुवंशिक दोषों को ठीक करना या फायदेमंद विशेषताओं को जोड़ना है, जिससे कुछ बीमारियों को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।
HHGE के संभावित अनुप्रयोग
HHGE के चिकित्सा और रोग निवारण में कई संभावित उपयोग हैं:
- आनुवंशिक बीमारियों को रोकना
-
- HHGE का उपयोग गंभीर वंशानुगत आनुवंशिक रोगों को समाप्त करने के लिए किया जा सकता है, जैसे:
- सिस्टिक फाइब्रोसिस (CFTR जीन में उत्परिवर्तन के कारण)
- सिकल सेल एनीमिया (HBB जीन में उत्परिवर्तन के कारण)
- हंटिंगटन रोग (HTT जीन में दोषपूर्ण उत्परिवर्तन के कारण)
- टे-सैक्स रोग (तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करने वाला घातक विकार)
- यदि इन उत्परिवर्तनों को जन्म से पहले ठीक किया जाए, तो HHGE इन बीमारियों को पीढ़ी दर पीढ़ी समाप्त कर सकता है।
- रोगों की संवेदनशीलता को कम करना
- कुछ व्यक्ति कैंसर, अल्जाइमर और हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिए आनुवंशिक रूप से अधिक संवेदनशील होते हैं।
- HHGE द्वारा कुछ जीन संशोधन संभवतः इन बीमारियों के जोखिम को कम कर सकते हैं, हालांकि इसकी प्रभावशीलता पर अभी भी शोध जारी है।
- आनुवंशिक संवर्धन (Genetic Enhancement) - अत्यधिक विवादास्पद
- कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि HHGE का उपयोग केवल बीमारियों की रोकथाम तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे बौद्धिक क्षमता, शारीरिक शक्ति, या सौंदर्य से संबंधित गुणों को बढ़ाने के लिए भी किया जा सकता है।
- बुद्धिमत्ता में वृद्धि
- अधिक शारीरिक शक्ति या सहनशक्ति
- आंखों या बालों के विशिष्ट रंग
- हालांकि, यह अभी केवल एक परिकल्पना है, लेकिन इसका दुरुपयोग सामाजिक असमानता को जन्म दे सकता है, जहां केवल धनी वर्ग ही अपनी संतान को आनुवंशिक रूप से उन्नत कर सके।
HHGE से जुड़ी नैतिक, सामाजिक और कानूनी चिंताएँ
- सुरक्षा जोखिम और अनपेक्षित प्रभाव
- CRISPR-Cas9 जैसी तकनीकों में गलत उत्परिवर्तन (Off-Target Effects) हो सकते हैं, जो कैंसर या अन्य जटिल बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
- HHGE के दीर्घकालिक प्रभाव अज्ञात हैं, क्योंकि एक बार किए गए परिवर्तन अगली कई पीढ़ियों में स्थायी रूप से स्थानांतरित होते रहेंगे।
- भविष्य की पीढ़ियों की सहमति का अभाव
- जिन बच्चों पर यह तकनीक लागू होगी, वे जन्म से पहले इस प्रक्रिया के लिए सहमति नहीं दे सकते।
- यह प्रश्न खड़ा करता है कि माता-पिता और वैज्ञानिकों की नैतिक ज़िम्मेदारी क्या होनी चाहिए।
- समानता और पहुंच संबंधी मुद्दे
- यदि HHGE केवल अमीर लोगों के लिए सुलभ हुआ, तो यह "आनुवंशिक असमानता" को बढ़ावा दे सकता है।
- यह समाज में "सुपर ह्यूमन" और सामान्य मनुष्यों के बीच विभाजन को जन्म दे सकता है।
- "डिज़ाइनर बेबीज़" का खतरा
- अगर HHGE को बीमारी की रोकथाम के लिए अनुमति दी जाती है, तो यह "गैर-चिकित्सकीय उद्देश्यों" के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है, जैसे कि बुद्धिमत्ता या सुंदरता को बढ़ाने के लिए।
- यह नैतिक और कानूनी प्रश्न उठाता है कि कौन तय करेगा कि कौन-से आनुवंशिक परिवर्तन स्वीकार्य हैं?
HHGE का कानूनी और नियामक परिदृश्य
HHGE के नैतिक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों को देखते हुए, दुनिया भर में इस पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।
- HHGE पर वैश्विक नियम
- यूके (UK): अनुसंधान के लिए सीमित जीन संपादन की अनुमति, लेकिन प्रजनन के लिए प्रतिबंधित।
- संयुक्त राज्य अमेरिका (USA): FDA ने HHGE अनुसंधान के लिए धनराशि प्रतिबंधित की है और इसका क्लिनिकल उपयोग गैरकानूनी है।
- चीन: पहले लचीला कानून था, लेकिन He Jiankui विवाद के बाद कानून सख्त हो गए।
- He Jiankui विवाद (2018)
- चीनी वैज्ञानिक He Jiankui ने दो भ्रूणों के जीन संपादित किए ताकि वे HIV संक्रमण के प्रति प्रतिरोधी बन सकें।
- यह प्रयोग अनैतिक और अपरिपक्व माना गया और वैश्विक स्तर पर इसकी कड़ी आलोचना हुई।
- He Jiankui को 3 साल की जेल की सजा हुई, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कड़े दिशा-निर्देश बनाए गए।
HHGE का भविष्य: संभावनाएँ और जोखिम
- भविष्य के संभावित विकास
- बेहतर सुरक्षा: नई तकनीकें ऑफ-टार्गेट प्रभाव को कम कर सकती हैं।
- मजबूत नैतिक दिशानिर्देश: HHGE के जिम्मेदार और समान उपयोग के लिए वैश्विक स्तर पर चर्चा बढ़ सकती है।
- वैकल्पिक समाधान: सोमैटिक जीन थेरेपी (जो जीन को शरीर में संपादित करती है लेकिन वंशानुगत नहीं बनाती) एक सुरक्षित विकल्प बनी हुई है।