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श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों की भारतीय नागरिकता पर हाईकोर्ट का फैसला

चर्चा में क्यों?

  • मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह एक श्रीलंकाई तमिल शरणार्थी ‘मैथिन’ की भारतीय नागरिकता की अर्जी पर विचार करे।

मामले की पृष्ठभूमि:

  • मैथिन साल 1975 में श्रीलंका के जाफना में पैदा हुई थीं।
    • उनके माता-पिता भारतीय मूल के तमिल थे।
    • श्रीलंका में उन्हें रिफ्यूजी कैंप में रखा गया था और उन्हें श्रीलंकाई नागरिकता नहीं दी गई थी।
  • 1984 में श्रीलंका में गृहयुद्ध छिड़ गया, तो मैथिन अपने परिवार के साथ जान बचाकर भारत आ गईं।
    • भारत में भी उन्हें रिफ्यूजी कैंप में रखा गया और श्रीलंकाई नागरिक के रूप में पहचाना गया।
  • उन्होंने 2019 में भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

हाईकोर्ट की टिप्पणी:

  • हाईकोर्ट ने कहा कि उन्होंने यहीं शादी की है, और उनके बच्चे भी भारत में ही पैदा हुए हैं। 
  • इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए उनकी नागरिकता की अर्जी पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है।
  • गृह मंत्रालय को निर्देश:
    • जस्टिस जीके इलंथिरैयन ने गृह मंत्रालय के सचिव को निर्देश दिया है कि मैथिन की नागरिकता अर्जी पर 12 हफ्तों के भीतर फैसला सुनाया जाए।

टिप्पणी के संभावित प्रभाव:

  • यह फैसला दूसरे श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों के लिए भी मिसाल बन सकता है।
    • उनके लिए जो भारत में लंबे समय से रह रहे हैं और भारतीय नागरिकता पाने की कोशिश कर रहे हैं।

श्रीलंका में किस-किस समुदाय के लोग रहते हैं?

  • श्रीलंका में मुख्य रूप से दो समुदाय रहते हैं-
    • सिंहली
    • तमिल
      • श्रीलंकाई तमिल
      • भारतीय मूल के तमिल
  • श्रीलंका में-
    • 74.9% सिंहली
    • 11.2% श्रीलंकाई तमिल
    • 4.2%  भारतीय तमिल 

श्रीलंका में कैसे पहुंचे तमिल?

  • श्रीलंकाई तमिल:
    • श्रीलंकाई तमिलों के पूर्वज सदियों पहले दक्षिण भारत (मुख्य रूप से तमिलनाडु) से श्रीलंका में आकर बसे।
    • ये लोग श्रीलंका के प्राचीन काल से ही वहां निवास कर रहे हैं और इन्हें "ईलम तमिल" भी कहा जाता है।
  • भारतीय मूल के तमिल:
    • ये तमिलनाडु (भारत) से 19वीं और 20वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा श्रीलंका लाए गए थे।
    • उनका मुख्य उद्देश्य चाय, रबर, और कॉफी के बागानों में मजदूरी करना था।
    • श्रीलंका में उन्हें हमेशा 'बाहरी' समझा गया। 
      • सिंहली लोग और श्रीलंकाई तमिल, दोनों ही उन्हें अपना मानने को तैयार नहीं थे।

सिंहली और तमिल मतभेद:

  • सिंहली और तमिल समुदायों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मतभेद रहे हैं।
    • यह 1983 से 2009 तक हिंसा और गृहयुद्ध का कारण बने।

भारतीय मूल के तमिल:

आजादी के बाद की स्थिति:

  • 1948 में श्रीलंका आजाद हुआ, लेकिन भारतीय मूल के तमिलों को नागरिकता नहीं दी गई। 
  • उन्हें 'स्टेटलेस' यानी बिना किसी देश का नागरिक घोषित कर दिया गया।

भारत-श्रीलंका समझौते:

  • 1964 और 1974 में भारत और श्रीलंका के बीच समझौते हुए, जिनमें 6 लाख भारतीय मूल के तमिलों को भारतीय नागरिकता देने की बात तय हुई। 
    • श्रीलंका में गृहयुद्ध और अन्य कारणों से यह समझौता पूरी तरह लागू नहीं हो पाया।

2003 का कानून:

  • 2003 में एक कानून के तहत उन तमिलों को नागरिकता दी गई जो 1982 से पहले भारत आए थे। 
    • 1983 के बाद आने वाले तमिलों को 'अवैध प्रवासी' घोषित कर दिया गया।

गृहयुद्ध और पलायन:

  • वर्ष 1983 से 2009 तक श्रीलंका में गृहयुद्ध चला।
  • इस दौरान हजारों तमिल लोग अपनी जान बचाने के लिए भारत आ गए।

भारत में शरणार्थियों की स्थिति:

  • भारत में शरणार्थियों के लिए कोई विशेष कानून नहीं है।
  • इस वजह से श्रीलंका से आए तमिल शरणार्थियों के लिए नागरिकता या स्थायी निवास पाने का कोई स्पष्ट रास्ता नहीं है।

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

  1. श्रीलंका में सिंहली समुदाय बहुसंख्यक है।
  2. श्रीलंका वर्ष 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्र हुआ था।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न  तो 1 न  ही 2 

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