(प्रारंभिक परीक्षा: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, नई प्रौद्योगिकी का विकास) |
संदर्भ
चीन का नवीनतम उच्च ऊर्जा फोटॉन स्रोत (High Energy Photon Source : HEPS) एशिया में चौथी पीढ़ी का पहला सिंक्रोट्रॉन (Synchrotron) प्रकाश स्रोत होगा। इस वर्ष के अंत तक इसका परिचालन प्रारंभ हो जाएगा।

उच्च ऊर्जा फोटॉन स्रोत (HEPS) सिंक्रोट्रॉन के बारे में
- यह उन्नत सुविधा अत्यधिक चमकदार (Brightest) एक्स-रे का उत्सर्जन करेगी, जिससे विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- इस HEPS को 6 गीगाइलेक्ट्रॉन वोल्ट की ऊर्जा तक इलेक्ट्रॉनों को गति देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इस प्रक्रिया में उत्सर्जित उच्च ऊर्जा युक्त एक्स-रे नमूनों में गहराई से प्रवेश कर सकती है और नैनोमीटर पैमाने पर जटिल विवरण प्रस्तुत कर सकती है।
- इसका टाइम रिज़ॉल्यूशन तीसरी पीढ़ी के सिंक्रोट्रॉन की तुलना में 10,000 गुना बेहतर होगा।
- पुराने सिंक्रोट्रॉन को बड़े या अधिक नमूनों की आवश्यकता होती है जिनका उत्पादन मुश्किल होता है, जिससे छोटे प्रोटीन क्रिस्टल का अध्ययन करना लगभग असंभव हो जाता है।
- हालाँकि, उच्च ऊर्जा फोटॉन स्रोत (HEPS) की मजबूत एक्स-रे इतनी शक्तिशाली होगी कि सबसे छोटे नमूनों का भी विस्तार से विश्लेषण किया जा सकेगा।
क्या है सिंक्रोट्रॉन प्रकाश स्रोत
सिंक्रोट्रॉन प्रकाश स्रोत (Synchrotron Light Source) वह मशीन है जो वैज्ञानिक तथा तकनीकी उद्देश्यों के लिये विद्युत चुम्बकीय विकिरण (जैसे एक्स-किरण, दृष्य प्रकाश आदि) उत्पन्न करती है। यह प्रायः एक स्टोरेज रिंग के रूप में होती है।
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- उच्च ऊर्जा फोटॉन स्रोत (HEPS) को एशिया में सबसे चमकीले सिंक्रोट्रॉन एक्स-रे स्रोत के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- सिंक्रोट्रॉन प्रकाश की तीव्र किरणें उत्पन्न करने के लिए बिजली का उपयोग करते हैं। ये किरणें सूर्य से दस लाख गुना अधिक चमकीली होती हैं।
- उच्च ऊर्जा फोटॉन स्रोत जैसी चौथी पीढ़ी की सुविधाएं एक्स-रे बीम उत्पन्न करने के लिए मल्टी-बेंड अक्रोमैट लैटिस मैग्नेट की एक श्रृंखला पर निर्भर करती हैं, जो पिछली पीढ़ी द्वारा उत्पादित एक्स-रे बीम की तुलना में संकरी होती हैं और इसलिए अधिक चमकीली होती हैं।
- वर्ष 2025 में उच्च ऊर्जा फोटॉन स्रोत बायोमेडिसिन, ऊर्जा, उन्नत सामग्री एवं संघनित-पदार्थ भौतिकी सहित विषयों में प्रयोगों के लिए 14 बीमलाइनों में से चयन करने में सक्षम होंगे।
- आगामी वर्ष में उच्च ऊर्जा फोटॉन स्रोत द्वारा 90 बीमलाइनों को समायोजित करने की उम्मीद है।
- इसके (HEPS) संभावित प्रभाव गणित को छोड़कर हर वैज्ञानिक क्षेत्र को प्रभावित करेंगे।
इसे भी जानिए!
- भारत में राजा रामन्ना उन्नत प्रौद्योगिकी केंद्र (RRCAT), इंदौर में इण्डस-I एवं इण्डस-II नामक दो सिंकोट्रॉन कार्यरत हैं।
- HEPS चौथी पीढ़ी के सिंक्रोट्रॉन के एक विशिष्ट समूह का हिस्सा है जिसमें स्वीडन की MAX IV प्रयोगशाला, ब्राजील में सिरियस, फ्रांस में यूरोपीय सिंक्रोट्रॉन विकिरण सुविधा और अमेरिका के इलिनोइस में उन्नत फोटॉन स्रोत शामिल हैं।
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