प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न – हीराकुंड आर्द्रभूमि मुख्य परीक्षा प्रश्न - सामान्य अध्ययन पेपर-3 |
संदर्भ
- 28 सितंबर, 2023 को जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार, हीराकुंड सहित ओडिशा के 8 आर्द्रभूमियों में सीसा और क्रोमियम जैसी कैंसर पैदा करने वाली भारी धातुओं का उच्च स्तर पाया गया है।
प्रमुख बिंदु
कारण
- बढ़ता शहरीकरण, औद्योगीकरण और कृषि पद्धतियों जैसी मानवजनित गतिविधियाँ आर्द्रभूमि में भारी धातुओं को जमा करती हैं, जो भारी धातु सिंक के रूप में कार्य करती हैं।
- भारी धातु प्रदूषक जो आमतौर पर मानव गतिविधि के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि में जमा होते हैं उनमें सीसा, क्रोमियम, कैडमियम, तांबा, पारा, निकल, जस्ता, मैंगनीज और आर्सेनिक शामिल हैं।
भरी धातु प्रदूषण से समस्या
- भारी धातुएँ मिट्टी के माध्यम से फसलों में प्रवेश कर सकती हैं जिससे मनुष्यों द्वारा इन फसलों का सेवन खाद्य श्रृंखला के रूप में करने से उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ेगा; जैसे-कैंसर आदि बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं ।
- इन आर्द्रभूमियों से पानी सीधे मानव उपभोग के लिए नहीं किया जा रहा है, इसलिए आसपास के समुदाय के लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से इसका उपभोग करने का एकमात्र तरीका उस आर्द्रभूमि से मछली, चावल, कुछ सब्जियां और पालक जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थों का उपभोग करने में किया जाता है जिसका अप्रत्यक्ष प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर पड़ता है।
आर्द्रभूमि का अध्ययन क्यों किया गया
- वैज्ञानिकों के अनुसार, अध्ययन करने का पहला- लक्ष्य आर्द्रभूमि प्रदूषण के बारे में जानकारी प्राप्त करना था।
- दूसरा -कृषि परिदृश्य के अंदर आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक जोखिम का आकलन करना और तीसरा - सीसा और क्रोमियम की मानव स्वास्थ्य जोखिम क्षमता का अध्ययन करना है।
- 8 आर्द्रभूमि इस प्रकार हैं- चंदनेश्वर, चिल्का, दरिंगबाड़ी और कोरापुट जैसे प्राकृतिक और साथ ही भद्रक, हीराकुंड, तालचेर और टिटलागढ़ जैसे मानव निर्मित आर्द्रभूमि।
- हीराकुंड में सीसा (51.25 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम) और क्रोमियम (266 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम) की उच्चतम सांद्रता दर्ज की गई।
- भद्रक स्थल पर 34.27 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम के साथ तांबे की उच्चतम सांद्रता मिली। कोरापुट में जस्ता की प्रचुरता पायी गई है।
- आर्द्र्भूमि की सभी साइटों पर पहले किये गए अध्ययनों की तुलना में क्रोमियम की मात्रा वर्तमान में अधिक है।
वेटलैंड
- जलमग्न क्षेत्र को आर्द्रभूमि कहा जाता है। यह प्राकृतिक अथवा कृत्रिम, स्थायी अथवा अस्थायी, पूर्णकालीन आर्द्र या अल्पकालीन, स्थिर जल या अस्थिर जल, स्वच्छ जल या अस्वच्छ, लवणीय, मटमैला जल- इन सभी प्रकार के जल वाले स्थल वेटलैंड के अन्तर्गत आते हैं।
- समुद्री जल, जहाँ भाटा-जल की गहराई 6 मीटर से अधिक नहीं हो, भी वेटलैंड कहलाते हैं।
निष्कर्ष
- आर्द्रभूमियों के संरक्षण के लिए सफल नीतियां तैयार कर लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाय ।
हीराकुंड बांध के बारे में:
- हीराकुंड बांध महानदी पर बना विश्व का सबसे लंबा बांध के रूप में जाना जाता है जो ओडिशा के राज्य संबलपुर शहर में स्थित है।
- इस बांध की लंबाई लगभग 26 किलोमीटर है।
- इस बांध का निर्माण वर्ष1953 तक पूरा हो गया था लेकिन उद्घाटन 13 जनवरी 1957 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था।
- यह एशिया की सबसे ऊंचा बांध एवं कृतिम झील है
- बांध और उसके आसपास के पानी का विस्तार तथा कैथोलिक मीनार और नेहरू मीनार एक सुंदर इंजीनियरिंग दृश्य प्रस्तुत करता है जो एक आकर्षण का केंद्र है।
- यह जलाशय महानदी के जल स्तर तथा बाढ़ के प्रभाव को नियंत्रित करता है।
- यह 130 से अधिक पक्षी प्रजातियों और लगभग 54 मछली प्रजातियों को आवास प्रदान करता है ।
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हीराकुंड जलाशय को अगस्त 2022 में आर्द्रभूमि घोषित किया गया ।
हीराकुंड जलाशय का आर्थिक महत्त्व
- मछली प्रजातियाँ इस क्षेत्र के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे प्रति वर्ष लगभग 480 टन की कुल उपज प्रदान करती हैं, जिससे लगभग 7,000 से अधिक मछुआरों को आजीविका मिलता है।
- यह जलाशय लगभग 350 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन करता है और 436,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करता है।
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जलाशय और उसके आसपास समृद्ध जैव विविधता और अन्य मनोरंजक गतिविधियाँ इसे एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बनाती हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न: हीराकुंड बांध के संदर्भ में ,निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- यह मानव निर्मित विश्व का सबसे लम्बा बांध है।
- यह बांध इंजीनियरिंग का एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है जो एक आकर्षण का केंद्र है।
- इस बांध का उद्घाटन वर्ष 1953 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा किया गया था।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर:(b)
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