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उच्च प्रदर्शन वाली इमारतें

(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन: बुनियादी ढाँचा)

संदर्भ 

वर्तमान में तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण भारत में ऊर्जा दक्षता और इमारतों में कार्बन उत्सर्जन के लिए वैश्विक मानदंडों के उल्लंघन का जोखिम है। ऐसे परिदृश्य में, उच्च प्रदर्शन वाली इमारतें (High Performance buildings-HPB) अनुकूली, आत्मनिर्भर संरचनाओं के माध्यम से लचीलापन प्रदान करती हैं। 

क्या हैं उच्च प्रदर्शन वाली इमारतें (High Performance Buildings)

  • HPB बिल्डिंग कोड या अन्य विनियमों के अनुसार ऊर्जा दक्षता और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के मामले में बेहतर प्रदर्शन करती हैं। 
    • इन इमारतों को डिज़ाइन और बनाने के लिए आर्किटेक्ट, डिज़ाइनर, और बिल्डर कई तकनीकों, उपकरणों एवं सामग्रियों का उपयोग करते हैं। 
    • इन इमारतों में, हीटिंग, कूलिंग, रोशनी, और वेंटिलेशन के लिए कम से कम ऊर्जा का उपभोग होता है। 
  • इन ईमारतों को ऊर्जा एवं जल के सतत उपयोग के साथ ही इनमें रहने वालों के स्वास्थ्य तथा पर्यावरण लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। 
  • HPB साइट-विशिष्ट डिज़ाइन दृष्टिकोणों के माध्यम से प्राकृतिक प्रकाश व्यवस्था, वेंटिलेशन टिकाऊ सामग्री और इन्सुलेशन के माध्यम से ऊर्जा की मांग को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
    • इसके तहत उन्नत प्रौद्योगिकियों में ऊर्जा-कुशल प्रणाली, ग्रेवाटर रीसाइक्लिंग, वर्षा जल संचयन, स्मार्ट लाइटिंग नियंत्रण और उन्नत मीटरिंग शामिल हैं। 

HPB के लाभ

पर्यावरणीय लाभ 

उच्च प्रदर्शन वाली हरित इमारतों का डिज़ाइन ऊर्जा की खपत और CO2 उत्सर्जन को कम करता है। इसमें प्रयुक्त डिज़ाइन रणनीति बिजली और पानी की खपत को कम करती है।

आर्थिक लाभ 

  • HPB भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण  निवेश हैं। हालाँकि इसकी प्रारंभिक लागत अधिक है लेकिन कम परिचालन एवं रखरखाव लागत और बढ़े हुए बाजार मूल्य के माध्यम से यह उच्च रिटर्न प्राप्त करने के साथ दीर्घकालिक आर्थिक लाभ प्रदान करती है। 
    • क्योंकि  ईमारतों के पर्यावरणीय अनुकूल होने पर उनकी मूल्य स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है। 
  • HPB केवल ऊर्जा बचाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजायएक समग्र वातावरण बनाते हैं जहाँ प्रौद्योगिकी, डिजाइन और स्थिरता भवन के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए परस्पर संबंधित होते हैं।
    • उदाहरण के लिए, संसाधन उपयोग को गतिशील रूप से प्रबंधित करने के लिए स्मार्ट सिस्टम का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि बिल्डिंग सिस्टम लंबे समय तक चले और उन्हें बार-बार अपग्रेड करने की आवश्यकता न हो। 
    • बेंगलुरु में इंफोसिस कैंपस में एक ऐसी सुविधा है जो बिल्डिंग मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग करके पूरी बिल्डिंग के प्रदर्शन की निगरानी करती है और बेहतरीन प्रदर्शन बनाए रखने के लिए समय-समय पर आवश्यक बदलाव करती है। 

तकनीकी उन्नयन 

  • HPB मौजूदा सुविधाओं के अलावा स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
    • इमारतों में लगे कंप्यूटर अधिभोग पैटर्न या मौसम की स्थिति के आधार पर प्रकाश, तापमान और वेंटिलेशन को समायोजित कर सकते हैं ताकि अधिक व्यक्तिगत, ऊर्जा-कुशल वातावरण बनाया जा सके।

नागरिक कल्याण  

ये इमारतें अपने तात्कालिक लाभों से परे उन बदलावों की ओर संकेतकरती  हैं जो बेहतर वायु निस्पंदन प्रणाली, अधिकतम प्राकृतिक प्रकाश और इष्टतम तापीय वातावरण के साथ रहने वालों को प्राथमिकता देते हैं।

भारतीय परिपेक्ष्य 

  • भारत की शहरी आबादी वर्ष 2030 तक 600 मिलियन तक होने की संभावना है, ऐसे में शहरी क्षेत्रों  में बढ़ते कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए ऊर्जा-कुशल और कम कार्बन वाली निर्माण पद्धतियों को अपनाना जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और टिकाऊ शहरी विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • भारत में HPB का एक उल्लेखनीय उदाहरण ग्रेटर नोएडा में स्थित ‘उन्नति अपार्टमेंट’ है, जिसमें कम सौर ताप लाभ गुणांक वाले ग्लास का उपयोग किया गया है, जो ऊर्जा दक्षता और इनडोर पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार करता है। 
  • नई दिल्ली स्थित इंदिरा पर्यावरण भवन में ठंडा पानी छत में लगे बीमों के माध्यम से प्रवाहित होता है, जिससे प्राकृतिक संवहन का लाभ मिलता है और ऊर्जा की खपत कम होती है।
  • इन बिल्डिंग डिज़ाइनों ने भारत में नेट-ज़ीरो बिल्डिंग  और ग्रिड-इंटरैक्टिव इमारतों का आधार तैयार किया है।

भारतीय शहरों में अधिक HPBs की आवश्यकता 

  • संसाधनों की कमी, ऊर्जा बाजारों में उतार-चढ़ाव और बढ़ते तापमान का सामना करने वाले भारत जैसे विकासशील देशों के लिए HPB अनुकूलित एवं आत्मनिर्भर संरचनाओं के माध्यम से लचीलापन प्रदान करते हैं। 
  • इस प्रकार की इमारतें वायु गुणवत्ता सहित स्वस्थ इनडोर वातावरण को पोषित करके सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देते हैं।
    • उदाहरण के लिए, मुंबई में टीसीएस बरगद पार्क में व्यापक हरित स्थान और जल सुविधाएँ शामिल हैं । 
    • ऐसी परियोजनाएँ कार्यस्थल की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए कम संसाधनों का उपभोग करती हैं।
  • भारत में तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे पर नकारात्मक प्रभाव डाला है ऐसे में HPB एक सक्रिय समाधान प्रदान करते हैं। 
  • तेजी से बदलते रियल एस्टेट परिदृश्य में HPB भविष्य के लिए बेहतर निवेश विकल्प प्रदान करता  हैं जो बदलते पर्यावरणीय और आर्थिक दबावों का सामना करने में सक्षम हैं।
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