संदर्भ
हाल ही में, हिमाचल प्रदेश की स्पीति वैली में हिमालयन सीरो को देखा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह ‘रूपी भाभा वन्यजीव अभयारण्य’ से यहाँ आया है।
हिमालयन सीरो
- हिमालयन सीरो बकरी, गधा, गाय और सुअर की प्रजाति का मिला जुला रूप है। ये सामान्यतः 2,000 से 4,000 मीटर की ऊँचाई पर पूर्वी, मध्य और पश्चिमी हिमालय में पाए जाते हैं। लेकिन ये ट्रांस हिमालयन क्षेत्र में नहीं पाए जाते।
- ये मध्यम आकार के स्तनपायी हैं, जिनकी मोटी गर्दन, लम्बे खच्चर जैसे कान और सम्पूर्ण शरीर पर काले बाल होते हैं।
- ये शाकाहारी होते हैं, ध्यातव्य है कि सेरो की कई प्रजातियाँ हैं और ये सभी एशिया में ही पाई जाती हैं।
संरक्षण स्थिति
- आई.यू.सी.एन. के अनुसार, पिछले एक दशक में हिमालयन सीरो की जनसंख्या में कमी आने के साथ ही उनके निवास स्थानों का भी क्षरण हुआ है।
- शुरुआत में हिमालयन सीरो को आई.यू.सी.एन. की रेड लिस्ट में ‘संकटापन्न’ (Near Threatened) प्रजाति की श्रेणी में रखा गया था, लेकिन अब यह ‘सुभेद्य’ (Vulnerable) श्रेणी में वर्गीकृत है।
- यह प्रजाति वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध है, जो इसे पूर्ण सुरक्षा (Absolute Protection) प्रदान करता है।
रूपी भाभा वन्यजीव अभयारण्य
- रूपी भाभा वन्यजीव अभयारण्य हिमालय की धौलाधार श्रेणी के श्रीखंड पहाड़ों में स्थित है। इस अभयारण्य का नाम हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में स्थित रूपी और भाभा घाटियों के नाम पर रखा गया है।
- यह अभयारण्य स्थानीय रूप से व्यापक अल्पाइन चरागाहों के साथ-साथ कई ट्रेक, पगडंडी और दर्रों के लिये जाना जाता है, जो इसे निकटवर्ती स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और पिन वैली नेशनल पार्क से जोड़ते हैं।
- इस अभयारण्य में हिम तेंदुआ, हिमालयन ब्राउन बियर, हिमालयन सीरो, हिमालयन ब्लैक बियर, हिमालयन मस्क डियर, ताहर, हिमालयन वेअसेल और ब्लू शीप पाए जाते हैं।