चर्चा में क्यों?
हाल ही में, विभिन्न मंत्रालयों ने ड्रोन के अधिक प्रभावी उपयोग के लिये गृह मंत्रालय से अधिक से अधिक मानवरहित हवाई वाहनों (ड्रोन) की तैनाती का आग्रह किया है।
विभिन्न मंत्रालयों के तर्क
- रक्षा मंत्रालय ने युद्ध सहायता, दूरदराज के क्षेत्रों में संचार, जवाबी ड्रोन प्रतिक्रिया, सीमा क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ व तस्करी की रोकथाम आदि के लिये ड्रोन की तैनाती की मांग की है।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दवाओं के वितरण, दूरस्थ या महामारी प्रभावित क्षेत्रों से नमूनों के संग्रहण और परीक्षण आदि के लिये ड्रोन उपयोग की मांग की है।
- रेल मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन, दुर्घटना के बाद त्वरित प्रतिक्रिया, निरीक्षण व रखरखाव और परियोजना की निगरानी शुरू करने के लिये ड्रोन तैनाती का आग्रह किया है।
- पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और बिजली मंत्रालय ने परिसंपत्तियों एवं पारेषण लाइनों की वास्तविक समय पर निगरानी, चोरी रोकने, दृश्य निरीक्षण व रखरखाव, निर्माण योजना और प्रबंधन आदि के लिये ड्रोन उपयोग की मांग की है।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अवैध शिकार विरोधी कार्रवाई, वनों और वन्यजीवों की निगरानी, प्रदूषण आकलन तथा साक्ष्य जुटाने आदि में उपयोग के लिये ड्रोन तैनाती की मांग की है।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उच्च गुणवत्ता वाली वीडियोग्राफी और दुर्गम स्थानों पर हेलीकॉप्टर के स्थान पर ड्रोन के उपयोग के लिये इसकी तैनाती की मांग की है। मंत्रालयों का मानना है कि इससे प्रशासन को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
महत्त्व
- ड्रोन राष्ट्रीय सुरक्षा, परिस्थितिजन्य विश्लेषण, अपराध नियंत्रण, वी.वी.आई.पी. सुरक्षा, कृषि, कानून प्रवर्तन और मानचित्रण तथा आपदा प्रबंधन आदि के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- इसने अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र को लाभ पहुँचाया है। भारत को ड्रोन का वैश्विक केंद्र बनाने के लिये केंद्र सरकार ने उदारीकृत ड्रोन नियम 2021 से प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग को बढ़ाने का सुझाव दिया है।