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परिवारों का उपभोग खर्च सर्वेक्षण

प्रारंभिक परीक्षा: परिवारों का उपभोग खर्च सर्वेक्षण, NSSO
मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ:

24 फरवरी, 2024 को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (NSSO) द्वारा ‘परिवारों के उपभोग खर्च’ पर एक रिपोर्ट जारी की गई।

NSSO

सर्वेक्षण से संबंधित जानकारी:

  • यह सर्वेक्षण अगस्त, 2022 से जुलाई, 2023 के दौरान कराया गया था।
  • यह रिपोर्ट सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 2,61,746 घरों  से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है, जिसमें शामिल हैं-
    • ग्रामीण क्षेत्रों के 1,55,014 घर और शहरी क्षेत्रों के 1,06,732 घर 
  • सर्वेक्षण का उद्देश्य:
    • देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक समूहों के लिए घरेलू मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय (MPCE) और इसके वितरण का अलग-अलग अनुमान तैयार करना है।
  • इसके आंकड़ों से देश में गरीबी की स्थिति का आकलन किया जा सकता है।

प्रमुख बिंदु:

  • देश में परिवारों का प्रति व्यक्ति मासिक घरेलू खर्च वर्ष 2011-12 की तुलना में वर्ष 2022-23 में दोगुने से अधिक हो गया है।
  • शहरी क्षेत्रों में (मौजूदा कीमतों पर) :
    • वर्ष 2022-23 में औसत मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग खर्च (MPCE) बढ़कर अनुमानित 6,459 रुपये हो गया।
    •  वर्ष 2011-12 में MPCE 2,630 रुपये था।
  • ग्रामीण भारत में (मौजूदा कीमतों पर):
    • वर्ष 2022-23 में अनुमानित 3,773 रुपये हो गया।
    • वर्ष 2011-12 में MPCE 1,430 रुपये था।
  • शहरी क्षेत्रों में (वर्ष 2011-12 की कीमतों पर) :
    • वर्ष 2022-23 में औसत मासिक प्रति व्यक्ति उपभोग खर्च (MPCE) बढ़कर अनुमानित 3,510 रुपये हो गया।
    •  वर्ष 2011-12 में MPCE 2,630 रुपये था।
  • ग्रामीण भारत में (वर्ष 2011-12 की कीमतों पर):
    • वर्ष 2022-23 में अनुमानित 2,008 रुपये हो गया।
    • वर्ष 2011-12 में MPCE 1,430 रुपये था।
  • राज्यों के संदर्भ में:

table

  • सिक्किम में शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के परिवार सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं
    • एक ग्रामीण परिवार प्रत्येक महीने 7,331 रुपये
    • एक शहरी परिवार प्रत्येक महीने 12,105 रुपये
  • छत्तीसगढ़ में खर्च सबसे कम है-
    • एक ग्रामीण परिवार प्रत्येक महीने 2,446 रुपये
    • एक शहरी परिवार प्रत्येक महीने 4,483 रुपये

  • केंद्रशासित प्रदेशों में:
  • चंडीगढ़ सबसे आगे 
    • ग्रामीण क्षेत्र में औसत मासिक खर्च 7467 रुपये
    • शहरी क्षेत्र में औसत मासिक खर्च 12,577 रुपये 
  • लद्दाख सबसे कम खर्च करता है-
    •  ग्रामीण क्षेत्र औसत मासिक खर्च 4062 रुपये
    •  शहरी क्षेत्र में औसत मासिक खर्च 5,511 रुपये
  • देश की सबसे निचले स्तर की 5 प्रतिशत ग्रामीण आबादी का औसत मासिक खर्च 1441 रुपये और शहरी क्षेत्र का 2087 रुपये है।
  • देश की शीर्ष 5 प्रतिशत आबादी का ग्रामीण क्षेत्र में औसत मासिक खर्च 10,581 रुपये और शहरी क्षेत्र में 20,846 रुपये है।

urban-area

  • गांवों में खाने-पीने पर प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 1,750 और शहरों में 2,530 रुपये रहा।
  • गांवों में मासिक खपत में भोजन की हिस्सेदारी 46.4 दर्ज हुई, जो वर्ष  2011-12 में 53 फीसदी थी। 
  • शहरी क्षेत्रों में मासिक खपत में भोजन की हिस्सेदारी 39.2 फीसदी दर्ज हुई, जो वर्ष  2011-12 में 53 फीसदी थी।  
  • गांवों में गैर-खाद्य के अलावा सर्वाधिक 285 रुपये खर्च यात्रा पर, 269 रुपये मेडिकल पर खर्च किये गए।

प्रश्न:- परिवारों का उपभोग खर्च सर्वेक्षण, 2022-23 के सम्बन्ध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. इस सर्वेक्षण को नीति आयोग द्वारा आयोजित किया गया था। 
  2. गांवों में खाद्यान उपभोग वर्ष 2011-12 की तुलना में बढ़ा है।
  3. शहरी क्षेत्रों  में खाद्यान उपभोग वर्ष 2011-12 की तुलना में कम हुआ है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी  तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर- (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:  परिवारों में उपभोग व्यय के नवीन आंकड़ों के अनुसार सम्पूर्ण भारत में उपभोग विषमता का वर्णन कीजिए।

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