कोलकाता में एक महिला में ह्यूमन कोरोनावायरस (HKU1 या HCoV-HKU1) के संक्रमण की पुष्टि हुई है। कोरोनावायरस की यह प्रजाति मनुष्यों एवं जानवरों दोनों को प्रभावित करती है। यह कोविड-19 से अलग है और नया वायरस नहीं है।
ह्यूमन कोरोनावायरस (HKU1) के बारे में
- परिचय : मुख्यत: फेफड़ों एवं श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने वाला कोरोनावायरस का एक प्रकार
- HKU1, SARS, MERS एवं कोविड-19 एक ही कुल (Family) का हिस्सा है।
- प्रकार : आर.एन.ए. वायरस
- यह एन-एसिटाइल-9-ओ-एसिटाइलन्यूरैमिनिक (N-acetyl-9-O-acetylneuraminic) एसिड के रिसेप्टर से बंध कर मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है।
- अन्य नाम : बीटाकोरोनावायरस हांगकांगेंस (Betacoronavirus hongkonense)
- सर्वप्रथम पहचान : वर्ष 2004 में हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा
- इसके नाम पर ही इसका नामकरण किया गया है।
- संक्रमण : अन्य कोरोना वायरस की तरह ही
- रोकथाम : संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड-19 जैसा ही प्रोटोकॉल
- उपचार : वर्तमान में कोई वैक्सीन या विशेष उपचार उपलब्ध न होने के कारण लक्षणों का प्रबंधन ही उपचार है।
- लक्षण :
- सामान्य लक्षण फ्लू के समान, जैसे- लगातार खांसी, नाक बंद होना, गले में दर्द, थकान, सिरदर्द एवं हल्का बुखार
- श्वसन मार्ग के साथ कोशिकाओं को संक्रमित करने के कारण गंभीर मामलों में निमोनिया या ब्रोंकाइटिस की स्थिति